[ad_1]
Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:
Shimla News : वनिता की उम्र महज 24 वर्ष है. उनके पिता और बड़े भाई मजदूरी करते हैं. झारखंड से रोजी-रोटी के लिए हिमाचल आए, वनिता के परिवार ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी बेटी एक समय के बाद हिमाचल में बतौर आर्टिस्ट…और पढ़ें
आर्टिस्ट बेटी
शिमला. संघर्ष की खान में हीरे का जन्म होता है. इस बात की तस्दीक तब होती है, जब एक श्रमिक परिवार की बेटी अपनी प्रतिभा से न केवल अपना नाम बना रही है. बल्कि परिवार को आर्थिक मजबूती देने का काम भी कर रही है. शिमला में ही जन्मी और मूल रूप से झारखण्ड की रहने वाली वनिता ने अपनी पहचान आर्टिस्ट के तौर पर स्थापित की है. वनिता की उम्र महज 24 वर्ष है और उनके पिता और बड़े भाई मजदूरी करते हैं. झारखंड से रोजी-रोटी के लिए हिमाचल आए, वनिता के परिवार ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी बेटी एक समय के बाद हिमाचल में बतौर आर्टिस्ट अपनी पहचान बना लेगी.
लोकेल 18 से बातचीत में वनिता ने बताया कि उनकी पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है. वह मूलतः झारखंड की रहने वाली है. लेकिन, उनका जन्म शिमला में ही हुआ है. वनिता ने सरकारी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की और शिमला के ही एक व्यापारी पंकज मल्होत्रा के घर पर सहायिका का कार्य करती हैं. पंकज मल्होत्रा ने वनिता के आर्ट और टैलेंट को समझा और उन्हें प्रोत्साहन दिया. वनीता जिस घर में सहायिका का काम करती है, उसी घर के बाहर शाम के समय अपने आर्ट की एग्जीबिशन लगाती हैं. इसके माध्यम से आसपास के लोगों में उनकी पहचान बतौर आर्टिस्ट के रूप में हो चुकी है.
पेंटिंग के लिए आर्डर देते हैं लोग
वनिता ने बताया कि वह सैकड़ो आर्टवर्क और पेंटिंग्स बना चुकी हैं. उसके लिए वह क्ले और विभिन्न प्रकार के कलर का इस्तेमाल करती हैं. मौजूदा समय में लोग घर के बाहर लगे पंपलेट के माध्यम से उन्हें आर्डर देते हैं और वह ऑर्डर के माध्यम से ही अपनी पेंटिंग बेचती हैं. मौजूदा समय में वह सोशल प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन करती हैं. इसके बाद वह मार्च महीने से ऑनलाइन माध्यम से भी अपनी पेंटिंग्स को बेचेंगी. वनिता ने विशेष तौर पर उनका हौसला बढ़ाने के लिए पंकज मल्होत्रा और अजय श्रीवास्तव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है.
Shimla,Himachal Pradesh
January 24, 2025, 13:07 IST
[ad_2]
Source link