Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

हैदराबाद: हैदराबाद की एक युवती, जिसके साथ उसके पिता ने दुष्कर्म किया और जिससे वो गर्भवती हो गई. अब उसने अपने पिता के खिलाफ कानूनी लड़ाई में जीत हासिल की है. साथ ही उसने एक निजी स्कूल में नौकरी पाई और अपनी पसंद के युवक से शादी कर ली. बता दें कि इस युवती का बचपन में कई बार दुष्कर्म हुआ और 17 साल की उम्र में गर्भवती हो गई. इसके बाद उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया गया. उसकी मां सालों पहले छोड़कर चली गई थी, जिससे वह और उसका छोटा भाई पिता के साथ रह गए थे.

अपने छोटे भाई और सौतेली बहन के समर्थन से जो सभी अपने पिता द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार हुए थे, इस युवती ने परिवार के दबाव के बावजूद अपने पिता के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया. 2023 में केस दर्ज होने के समय, युवती की उम्र 17 साल थी, उसकी सौतेली बहन 15 साल की थी और उसका भाई 14 साल का था.

दावा किया कि उसे झूठा फंसाया गया
मुकदमे के दौरान, दोषी, जो पेशे से दर्जी था, ने दावा किया कि उसे झूठा फंसाया गया है और कहा कि उसकी बेटी अपने प्रेमी से गर्भवती हुई थी. उसने अदालत में यह भी कहा कि युवती घर से बड़ी मात्रा में नकदी चुराने की आदत में थी और जब उसे डांटा गया, तो उसने उसके खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई.

उसने दावा किया कि केस दर्ज होने के बाद भी, लड़की ने जेल में उससे कुछ बार मुलाकात की और तर्क दिया कि अगर उसे कोई शिकायत होती, तो वह वहां उससे मिलने नहीं आती. उसने यह भी कहा कि उसने लड़की को कुछ पैसे के लिए अपना लैपटॉप बेचने की अनुमति दी थी. इसके जवाब में, अदालत ने देखा कि लड़की की मदद के लिए कोई नहीं था. उसके पास कोई विकल्प नहीं था. दबाव की परिस्थितियों में, ऐसा प्रतीत होता है कि जब उसके पिता ने उसे बुलाया, तो वह जेल गई और उससे मिली.

मामले में अदालत ने कहा “सिर्फ इन कारणों से, हम यह नहीं कह सकते कि उसने जेल में अपने पिता से मिलने में कोई गलती की है और यह यह साबित नहीं करता कि उसने कोई अपराध नहीं किया.”

मंदिर में सेविका बनाने चाहते थे घरवाले, लड़की बोली- मुझे गांव के लड़के से करनी है शादी और फिर

आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई
दोषी ने अपने दो अन्य बच्चों की गवाही को भी चुनौती दी. उसने कहा कि उन्होंने अपनी बड़ी बहन के कहने पर उसके खिलाफ गवाही दी. हालांकि, अदालत ने उनके बयानों और उनके बयानों से संबंधित परिस्थितिजन्य साक्ष्यों (circumstantial evidence) की जांच के बाद, उनके साक्ष्यों को सत्य माना. अदालत ने 4 अप्रैल को आरोपी को दोषी ठहराया और उसे आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई.

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment