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Indian Army NDA Story: अगर हौसले बुलंद हों, तो किसी भी काम को पूरा किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी एक लड़की है, जिन्होंने पिता के सपने को पूरा करने के लिए UPSC NDA में इतिहास रच दिया है.

पिता की प्रेरणा बनी ताकत, बेटी ने NDA में लहराया परचम, अब बनेगी अफसर

Indian Army NDA Story: पिता के सपने को पूरा करने के लिए NDA में गाड़े झंडे.

हाइलाइट्स

  • NDA परीक्षा में 121वीं रैंक हासिल की.
  • दूसरे प्रयास में सफलता पाई, अब एयरफोर्स में बनेंगी ऑफिसर.
  • पिता की प्रेरणा से अंशिका ने देश सेवा का सपना पूरा किया.

Indian Army NDA Story: कहते हैं अगर आप किसी चीज को पूरे दिल से चाहते हैं, तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है. ऐसी ही कहानी एक लड़की है, जिन्होंने UPSC NDA 1 2024 की परीक्षा में 121वीं रैंक हासिल की हैं. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में इस परीक्षा को पास करने में सफल रही हैं. अब वह एयरफोर्स में ऑफिसर (Air Force Officer) बनेंगी. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम अंशिका वर्मा है.

NDA में लहराया परचम
NDA में सफलता हासिल करने वाली अंशिका उत्तर प्रदेश के हाथरस के सादाबाद की रहने वाली है. उन्होंने एनडीए-153 कोर्स के लिए अपने नाम का परचम लहराया है. उनके लिए यह राह आसान नहीं थी. उन्होंने कक्षा 11वीं में पहली बार एनडीए की लिखित परीक्षा दी थी लेकिन असफल रहीं. आत्मविश्वास की कमी टाइम मैनेजमेंट में चूक और परीक्षा का दबाव उनकी नाकामी के कारण बने लेकिन इस हार ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बना दिया. उन्होंने ठान लिया था कि अगली बार सफलता जरूर हासिल करेंगी.

पिता के सपनों को किया पूरा
भारतीय वायु सेना में सेवा दे रहे उनके पिता हमेशा चाहते थे कि अंशिका भी देश की सेवा करें. यही प्रेरणा अंशिका के भीतर जुनून बनकर जगी और उन्होंने वायुसेना में अधिकारी बनने का सपना पाल लिया. अंशिका ने छात्रावास में रहकर अनुशासित जीवन जीना सीखा. उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को समझा, समय पर पढ़ाई की और खुद पर काम करना शुरू किया. मैथ्स, जनरल नॉलेज, फिजिकल ट्रेनिंग और इंटरव्यू स्किल्स पर उन्होंने खास ध्यान दिया.

पढ़ाई की ऐसी थी रणनीति
अंशिका का मानना था कि हमेशा क्वालिटी नहीं क्वांटिटी पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने सिलेक्टिव स्टडी पर जोर दिया, जिससे वे हर समय तैयार रह सकीं. यही उनकी तैयारी का सबसे अहम हिस्सा बना. पहले प्रयास में घबराहट की वजह से पीछे रह जाने के बाद अंशिका ने खुद की पर्सनल डेवलपमेंट पर काम किया और हर पब्लिक स्पीच में भाग लेने लगीं, आत्मविश्वास से बात करने लगीं और खुद को बेहतर बनाने पर काम किया.

अंशिका वर्मा की यह सफर बताती है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता. उन्होंने अपनी असफलता से सबक लिया, खुद को बदला, मेहनत की और आज वे भारतीय वायु सेना की कैडेट हैं.

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