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उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में इन दिनों टाइगर की दहशत भले ही देखी जा रही है. लेकिन पीलीभीत में वन्यजीव देखे जाना आम बात है, वहीं राहगीर इन पलों को एंज्वॉय भी करते हैं. हाल ही में पीलीभीत से उत्तराखंड को जाने वाली …और पढ़ें
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में इन दिनों टाइगर की दहशत भले ही देखी जा रही है. पीलीभीत में वन्यजीव देखे जाना आम बात है, वहीं राहगीर इन पलों को एंज्वॉय भी करते हैं. हाल ही में पीलीभीत से उत्तराखंड को जाने वाली सड़क पर देर रात कार के आगे चहलकदमी करते भालू का वीडियो सामने आया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला हिमालय की शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में बसा ख़ूबसूरत शहर है. प्रकृति ने इस शहर को अपार ख़ूबसूरती से नवाज़ा है. इतना ही नहीं यहां बाघों समेत कई दुर्लभ जंगली जानवर पाए जाते हैं. यहां का प्रमुख आकर्षण पीलीभीत टाइगर रिजर्व है, अगर आंकड़ों को देखें तो वर्तमान में यहां 71 से भी अधिक बाघ और लगभग ही इतनी ही संख्या में तेंदुए व भालू मौजूद हैं. इतना ही नहीं यहां 350 से भी अधिक प्रजाति की चिड़ियां पाई जाती हैं.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व लगभग 73000 हेक्टेयर में फैला विशाल जंगल है. ऐसे में जिले के कई प्रमुख रोड इस जंगल के भीतर से होकर गुजरते हैं. इनमें पीलीभीत-पूरनपुर, पीलीभीत-माधोटांडा और माधोटांडा-खटीमा मार्ग सबसे प्रमुख हैं.
सड़क पर चलता नजर दिखा भालू
यह सभी रोड जिस क्षेत्र से होकर गुज़रते हैं वहां पर बाघों की अच्छी ख़ासी संख्या देखी जाती है. यही कारण है कि आए दिन इन सड़कों पर बाघों की चहलक़दमी देखने को मिलती है. वहीं सड़क से गुजर रहे राहगीर इस चहलकदमी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं. हाल ही में इससे जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक भालू माधोटांडा-खटीमा मार्ग पर रात के अंधेरे में कार के आगे चहलकदमी करते नजर आ रहा है.पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जंगल से गुजरने वाले मार्गों पर वन्यजीवों के आने की संभावना अधिक होती है. सभी से अपील है कि वन क्षेत्र से गुजरने के दौरान वाहनों को तय सीमा में ही चलाएं.
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