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Tigress rescued in pilibhit : इसने पीलीभीत में लोगों का जीना दुश्वार कर रखा था. 14 मई को जंगल से बाहर निकली ये बाघिन पीलीभीत और आसपास के इलाकों में मौत बनकर घूम रही थी.
नदी किनारे टहलती दिखी
17 जुलाई को कृष्णा देवी की मौत के बाद वन विभाग को ग्रामीणों का आक्रोश भी झेलना पड़ा था. इसके बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा था. बीते सात दिनों से बाघिन वन विभाग की टीमों को चकमा दे रही थी. गुरुवार दिन में इस बाघिन की लोकेशन इलाके से ही बहने वाली खकरा नदी के किनारे देखी गई. जिसके बाद सुबह से ही तमाम अधिकारी कैंप कर रहे थे. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पशुचिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार और कानपुर चिड़ियाघर के डॉ. नासिर बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने में जुटे हुए थे.
अब क्या होगा आगे
गुरुवार शाम 6:38 बजे वन विभाग की टीमों को रेस्क्यू करने में सफलता मिली. फिलहाल रेस्क्यू की गई बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व स्थित सेफ हाउस में रखा गया है. जहां एक्सपर्ट्स बाघिन का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे. इसके बाद ही अग्रिम निर्णय लिया जाना है. इलाके में बाघिन की मौजूदगी के चलते तमाम गांवों के स्कूलों को बंद कर दिया गया था. इलाके में तमाम कृषि कार्य भी प्रभावित थे. बाघिन को रेस्क्यू किए जाने के बाद इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बाघिन को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है. उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी.
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