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Chronic Pain Side Effects: कई लोगों को पुराना दर्द काफी परेशान करता है और वे उससे निजात पाने की लाख कोशिशें करते हैं. अब एक स्टडी में पता चला है कि पुराना दर्द लोगों को डिप्रेशन का मरीज बना सकता है.

क्रोनिक पेन के कारण लोग डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं.
हाइलाइट्स
- पुराने दर्द के कारण डिप्रेशन का खतरा 4 गुना तक बढ़ सकता है.
- स्टडी के अनुसार दुनियाभर में 30% लोग पुराने दर्द से जूझ रहे हैं.
- शारीरिक बीमारियां मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं.
Chronic Pain and Depression Link: कई लोगों को दर्द की समस्या होती है, जो सालों तक लोगों को परेशान करता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर किसी व्यक्ति को लगातार 3 महीने या उससे ज्यादा समय तक दर्द रहे, तो उसे क्रोनिक पेन माना जाता है. क्रोनिक पेन से लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित होती है और उससे अन्य कई समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है. एक हालिया स्टडी में पता चला है कि क्रोनिक पेन से डिप्रेशन का खतरा 4 गुना बढ़ सकता है. डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है, जिसमें लोग उदास, निराशा और तनाव महसूस करते हैं. डिप्रेशन मेंटल हेल्थ के साथ फिजिकल हेल्थ को भी प्रभावित करता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में करीब 30% लोग किसी न किसी पुराने दर्द से जूझ रहे हैं. इसके अलावा करीब 10% लोगों को शरीर में एक से ज्यादा जगह क्रोनिक पेन होता है. स्टडी में पाया गया कि केवल एक जगह पर दर्द होने की तुलना में शरीर के एक से अधिक हिस्सों में दर्द होने पर डिप्रेशन का खतरा ज्यादा होता है. येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के रेडियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डस्टिन शीनॉस्ट के अनुसार दर्द सिर्फ शरीर का नहीं होता, उसका असर मन पर भी पड़ता है. नई रिसर्च यह दिखाती है कि शारीरिक बीमारियां मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं.
स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार शरीर में होने वाली सूजन के कारण भी दर्द और डिप्रेशन का आपस में संबंध हो सकता है. सूजन से जुड़ा एक प्रोटीन सी-रिएक्टिव प्रोटीन दर्द और डिप्रेशन के लिंक को समझने में मदद कर सकता है. यह स्टडी यूके बायोबैंक के 4 लाख 31 हजार से ज़्यादा लोगों के आंकड़ों पर आधारित है, जिनको 14 साल तक फॉलो किया गया. दर्द को सिर, चेहरा, गर्दन, पीठ, पेट, कमर, घुटना और सामान्य दर्द जैसे हिस्सों में बांटा गया था.
स्टडी में पता चला कि दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो, अगर वह लंबे समय तक बना रहता है, तो उससे डिप्रेशन होने की आशंका अधिक हो जाती है. शोधकर्ताओं की मानें तो अधिकतर लोग मानसिक स्वास्थ्य को शरीर के अन्य हिस्सों जैसे दिल या लिवर से अलग मानते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि हमारे शरीर के सभी अंग एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. अगर दर्द और डिप्रेशन के पीछे के कारणों को और गहराई से समझा जाए, तो इसका इलाज खोजने में मदद मिल सकती है.
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