[ad_1]
Spirulina Benefits: इस धरती पर सबसे पहले जीवन की शुरुआत समुद्र में हुई. अत्यंत छोटे-छोटे एककोशिकीय जीव बने जो पहले प्लांट के रूप में आए. फिर मल्टीसेलुलर प्लांट का विकास हुआ है. माना जाता है कि जीवन के एकदम शुरुआत में ही ब्लू ग्रीन एल्गी प्लांट बनने लगा. इसलिए इसे धरती के सबसे पुराने प्लांट में से माना जाता है. यह एक तरह का घास की तरह है लेकिन घास नहीं है. यह शैवला या एल्गी है जिसका नाम है स्पाइरुलिना. इसकी पौष्टिकता के लिए सदियों से इसे सराहा जाता रहा है. इसे दुनिया के सबसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है. इसमें इतनी ताकत होती है कि नासा के अंतरिक्षयात्री भी शरीर में कई दिनों तक ताकत बनाने के लिए इस घास का सेवन करने लगे हैं.
क्या है स्पाइरुलिना
स्पाइरुलिना नीले-हरे रंग की एक शैवाल से बनती है जो समुद्र और खारे झीलों में पाई जाती है. इसे आमतौर पर पाउडर, कैप्सूल या टैबलेट के रूप में बेची जाती है. स्पाइरुलिना में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें आयरन, बीटा-कैरोटीन, थायमिन (विटामिन B1), राइबोफ्लाविन (विटामिन B2), नायसिन (विटामिन B3), कॉपर, मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं. एक चम्मच स्पाइरुलिना में 20 कैलोरी ऊर्जा, 1 ग्राम फैट, 2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 4 ग्राम प्रोटीन होता है. क्लीवलैंड क्लीनिक की डायटीशियन बेथ स्ज़ेरवोनी कहती हैं कि स्पाइरुलिना को पृथ्वी पर सबसे पुराने पौधों में से एक माना जाता है. यह बहुत लंबे समय से उपयोग में लाई जा रही है और इसके कई हैरान कर देने वाले फायदे हैं.
स्पाइरुलिना के फायदे
1. शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट– लोग अक्सर ब्लूबेरी, एवोकाडो और सैलमन जैसी चीज़ों के एंटीऑक्सीडेंट गुणों की तारीफ करते हैं. लेकिन स्पाइरुलिना में भी कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. स्ज़ेरवोनी बताती हैं कि एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं. ये फ्री रेडिकल्स हमारे आस-पास की ज़िंदगी में मिलने वाले जहरीले तत्व होते हैं. एंटीऑक्सीडेंट शरीर में सूजन को कम करते हैं जिससे कई बीमारियों का खतरा घटता है. इन्हीं गुणों के कारण स्पाइरुलिना का उपयोग अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा किया जाता है क्योंकि अंतरिक्ष में सूजन एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती होती है. फ्री रेडिकल्स ज्यादा शरीर में होंगे तो इससे हार्ट डिजीज, कैंसर सहित कई बीमारियों का जोखिम बढ़ता है.
2.दिल के लिए औषधि- स्पाइरुलिना दिल के लिए दवा की तरह काम करता है. इसमें इंफ्लामेशन को कम करने की क्षमता होती है जिससे दिल को कई फायदे मिलते हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकता है. स्ज़ेरवोनी कहती हैं कि जब हम सूजन कम करने वाले खाद्य पदार्थों की बात करते हैं तो हम दिल की सेहत के बारे में सोचते हैं क्योंकि सूजन से धमनियों में प्लाक बन सकता है और वे कठोर हो सकती हैं. अगर किसी को पहले से हाई कोलेस्ट्रॉल है तो स्पाइरुलिना का सेवन बहुत मददगार साबित हो सकता है. यह हार्ट डिजीज के खतरे वाले लोगों के लिए भी उपयोगी हो सकती है. कुछ और शोध यह भी दिखाते हैं कि यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकती है.
3. मौसमी एलर्जी से राहत-अगर आपको पराग कण, धूल या जानवरों से एलर्जी है तो शोध से पता चला है कि स्पाइरुलिना का नियमित उपयोग बहती नाक जैसी समस्याओं में राहत दे सकता है. स्ज़ेरवोनी बताती हैं कि यह एक दिलचस्प खोज है क्योंकि बहुत से लोगों को एलर्जी की दवाएं सूट नहीं करतीं या वे प्राकृतिक उपायों को पसंद करते हैं.
4. दांतों की मजबूती- स्पाइरुलिना एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल है. इसका मतलब यह बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक जीवों को मार सकती है या उनके विकास को रोक सकती है. एक स्टडी में स्पाइरुलिना वाले माउथवॉश का परीक्षण किया गया. जिन लोगों ने इसका उपयोग किया उनके दांतों पर जमा गंदगी और मसूड़ों की सूजन में काफी कमी देखी गई.
5. सहनशक्ति बढ़ाती- स्पाइरुलिना से शरीर में सहनशक्ति यानी स्टेमिना बढ़ती है. स्पाइरुलिना की ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने की क्षमता होती है. यह मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति बढ़ा सकती है. एक स्टडी में पाया गया कि यह ऑक्सीजन की खपत को भी बेहतर कर सकती है. स्ज़ेरवोनी कहती हैं कि मानव स्टडीज़ में यह पाया गया है कि यह इम्यून सिस्टम और दिमागी सेहत को बेहतर बना सकती है. यह एंटीबॉडी के निर्माण को बढ़ा सकती है जिससे संक्रमण और पुरानी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.
[ad_2]
Source link