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Stomach Pain and Bloating: एक 33 साल का व्यक्ति पेट की समस्या से इस कदर परेशान था कि उसे सूझ नहीं रहा था कि वह क्या करें. उसका पेट धनुष की तरह तन जाता था. दर्द से तबाही मच जाती है. लेकिन जब वह डॉक्टर के पास गया…और पढ़ें
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पेट में दर्द के कारण.
हाइलाइट्स
- 33 वर्षीय व्यक्ति पेट दर्द और फूलने से परेशान था.
- प्रोबायोटिक का अत्यधिक सेवन करने से समस्या बढ़ी.
- प्रोबायोटिक बंद करने पर समस्या चमत्कारिक रूप से ठीक हो गई.
Stomach Pain and Bloating: एक 33 साल के व्यक्ति की पेट की कहानी इतना हैरान करने वाला है कि इससे आपका दिमाग हिल जाएगा. यह व्यक्ति महीनों से पेट के फूलने से परेशानी था. पेट दर्द के कारण उसे भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. पेट तनकर धनुषटंकार की तरह बन जाता था. अचानक उसका वजन भी तेजी से कम होने लगा. उसे कॉन्स्टिपेशन और डायरिया दोनों रहने लगा. या तो लूज मोशन रहता था यह कब्ज रहती थी. वह एंटासिड और पेट दर्द की दवा खाते-खाते परेशान हो चुका था. फिर जब उसका एंडोस्कोपी और क्लोनोस्कोपी जांच की गई तो उसकी आंत में एच पायलोरी बैक्टीरिया गायब था. लेकिन इसका कारण डॉक्टरों का पता नहीं चल पा रहा था. आखिर में पूछताछ के दौरान डॉक्टर को ऐसी बात पता चली कि डॉक्टर भी हैरान हो गए.
इंटरनेट से पढ़कर कर दी भारी भूल
दरअसल, इस कहानी को लाइफस्टाइल कोच लूक कोटिन्हो ने इंस्टाग्राम पेज पर लोगों से शेयर किया है. उन्होंने जब मरीज से बहुत ज्यादा पूछताछ की तो पता चला कि उसका सब कुछ ठीक है. कहीं से कुछ क्लू नहीं मिला. अंत में डॉक्टर ने पूछा कि क्या तुम कुछ लेते हो. इसके बाद सारे राज से पर्दा उठने लगा. दरअसल, यह मरीज बाजार में मिलने वाला एक प्रोबायोटिक्स का बहुत ज्यादा सेवन करते थे. उसने इंटरनेट से जानकारी जुटा कर इस प्रोबायोटिक का सेवन करना शुरू कर दिया. कुछ महीने तक 500 पावर का प्रोबायोटिक लिया लेकिन इसके बाद डोज बढ़ाकर इसे 1000 कर दिया. डॉक्टर भी हक्का-बक्का रह गए. दरअसल, इस प्रोबायोटिक ने उसकी आंत में सारे माइक्रोबायोम के बैलेंस को खत्म कर दिया था जिसके कारण एक महत्वपूर्ण बैक्टीरिया की संख्या खत्म हो गई थी. यह बात जानने के बाद जब डॉक्टर ने मरीज से कहा कि इसे बंद कर दो तो भी वह शुरू में तैयार नहीं था. बाद में जब मरीज ने इस प्रोबायोटिक क बंद कर दिया चमत्कार की तरह सारी समस्याएं अपने आप खत्म हो गई.
यह था असली कारण
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में सी के बिड़ला अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरेलॉजिस्ट डॉ. विकास जिंदल ने बताया कि हमारी आंत में खरबों बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों का एक पूरी दुनिया होती है. इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता लेकिन हमारे पूरे शरीर में 3 से 4 किलो तक होता है. इसमें कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी होते और कुछ खराब बैक्टीरिया भी होते हैं. इन दोनों के बीच जंग चलती रहती है और हानिकारक बैक्टीरिया को ये मारते जाते हैं. अंत में इससे आंत के माइक्रोबायोम का बैलेंस बना रहता है.इससे पेट में किसी बाहरी हानिकारक जीवों का खात्मा हो जाता है और इम्यूनिटी भी बूस्ट होते रहती है. लेकिन अगर आप बाहर से इस माइक्रोबायोम में कुछ घुसाएंगे तो इसका अंदरुनी संतुलन बहुत खराब हो जाएगा. यही कारण है जब वह प्रोबायोटिक का ज्यादा सेवन किया तो उसकी आंत में नेचुरल माइक्रोबायोम खत्म हो गया और नए तरीके का माइक्रोबायोम पैदा हो गया जिसके कारण उसे भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
कैसे गट माइक्रोबायोम को सही करे
डॉ. विकास जिंदल ने बताया कि आंत में अच्छे माइक्रोबायोम तभी तैयार होगा जब आप कुदरती तरीके से सब कुछ करेंगे. इसके लिए हेल्दी डाइट लीजिए और रोज एक्सरसाइज कीजिए. ये दोनों चीजें बहुत जरूरी है. साबुत चीजों को हल्का पकाकर ताजा खाएं. हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज, आदि का भरपूर सेवन करें. इसी से गट हेल्थ सही रहेंगे. इसके लिए अलग से प्रोबायोटिक लेने की जरूरत नहीं है.
February 20, 2025, 19:30 IST
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