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Agency:News18 Madhya Pradesh

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Legs Syndrome: यह सिंड्रोम पुणे में कहर बरपा रही है, अब तक 100 से अधिक लोगों में इसके सिंड्रोम मिल चुके दो लोगों की जान भी जा चुकी है. यह बीमारी कैसे होती है कितनी खतरनाक है और क्या बचाव के उपाय हैं क्या लक्षण …और पढ़ें

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पैरों में हो रही झनझनाहट? कमजोरी के इस लक्ष्ण को भूलकर भी न करें इग्नोर, syndrome का हो सकता है संकेत

गुलियान बैर सिंड्रोम 

हाइलाइट्स

  • पुणे में गुलियन बैरे सिंड्रोम के 100 से अधिक मामले पाए गए.
  • सिंड्रोम दूषित भोजन और पानी से फैलता है.
  • लक्षणों में बुखार, पैर और हाथों में कमजोरी शामिल हैं.

अनुज गौतम, सागर: सागर में एक युवक की शादी थी जिसकी तैयारियां चल रही थी लेकिन इससे ठीक 10 दिन पहले उसके दोनों पैर शून्य पड़ गए, परिजन आनन फानन में निजी अस्पताल ले गए, डॉक्टरों ने ऐसे पुणे में फैली जीपीएस (गुलियन बैरे सिंड्रोम) जैसी संदिग्ध बीमारी होने की आशंका जाहिर करते हुए भोपाल रेफर कर दिया, इसके बाद जैसे ही यह खबर फैली तो हड़कंप गया, हालांकि भोपाल में तीन दिन तक कई जांच होने के बाद जीपीएस की रिपोर्ट निगेटिव आई है, अब नागपुर में इलाज चल रहा है, लेकिन जिस दुर्लभ बीमारी की बात सामने आई है, यह पुणे में कहर बरपा रही है, अब तक 100 से अधिक लोगों में इसके सिंड्रोम मिल चुके दो लोगों की जान भी जा चुकी है. यह बीमारी कैसे होती है कितनी खतरनाक है और क्या बचाव के उपाय हैं क्या लक्षण हैं इन सब को लेकर लोकल 18 ने मध्य प्रदेश के जाने-माने डॉक्टर सुमित रावत से बात की.

डॉक्टर सुमित रावत सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायरोलॉजी विभाग के प्रभारी है, असिस्टेंट प्रोफेसर हैं वह वायरस पर काम करते हैं और इसका लंबा अनुभव भी है, वे अपनी अलग अलग रिसर्च पर 20 से अधिक देशों में प्रेजेंटेशन दे चुके हैं.

सिंड्रोम मतलब बीमारियों का पूरा समूह
डॉ. रावत के अनुसार यह जो गुलियन बैरे सिंड्रोम है, सिंड्रोम मतलब यह बीमारियों का पूरा समूह है, तो इसमें क्या होता है कि जब कोई भी आदमी गलत प्रकार का खाना खाता है, दूषित भोजन करता है, दूषित पानी पी लेता है, जैसे किसी पानी में गटर का या नाली का पानी मिला हुआ है या कोई खाना दूषित हो गया है. मक्खियों से या बहुत समय से रखा हुआ खाना है जैसे अंडा हैं, मछली है, पनीर है या आजकल मोमोस चाइनीस आइटम है, उसमें काफी पुरानी सलाद मिला दी जाती है, इस तरह की चीजों से कई बैक्टीरिया और वायरस फैलते हैं,

कैसे फैलता हैं गुईलेन बैरे सिंड्रोम
दो प्रकार की बैक्टीरिया और वायरस होते हैं पहले होता है कैंपायलो वैक्टर जो आमतौर पर इस सीजन में मिलता है गंदे पानी में, पानीपुरी में भी पाया जाता हैं, दूसरा होता हैं नोरो वायरस , इसमें एक बैक्टीरिया है और एक वायरस है, इनके अलावा और भी वायरस होते हैं इन्फ्लूएंजा वायरस भी होता जो खांसने छींकने से फैलता है, इनमें से किसी भी वायरस की संक्रमण से गुलीयान बैरे सिंड्रोम हो जाता हैं,

ये हैं बीमारी के लक्षण 
इसमें पहले व्यक्ति को बुखार आता है बुखार आने पर आमतौर पर व्यक्ति मेडिकल से दवाई लेकर खा लेते हैं, सोचते हैं बुखार उतर गया, तो हम ठीक हो गए. लेकिन इसका प्रॉपर डायग्नोज करना चाहिए, इसमें कमजोरी बहुत अधिक आती है जिस मरीज को यह होता है उससे पैर उठाते नहीं बनता है, उसके पैर तेजी से कमजोर होने लगते हैं, ऐसी स्थिति में सावधान हो जाना चाहिए, अगर पैरों में कमजोरी आ रही है, धीरे-धीरे वह कमजोरी कमर तक पहुंच जाती है, उसके बाद हाथ चलने बंद हो जाते हैं, फिर आखरी नंबर आता है फेफड़ों का, फिर सांस लेने में भी प्रॉब्लम होने लगती है, हमारे जो फेफड़ों की मसल होती है, वह फेल हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में वेंटिलेटर पर डालना पड़ता है मरीज को, किस्मत अच्छी रही तो बच सकते हैं, खराब किस्मत रही तो पेशेंट की मृत्यु भी हो जाती है,

सावधानी बरतें 
इसलिए अगर कोई इस तरह की बीमारी हो तो सावधानी से काम ले, अभी जो सीजन चल रहा ठंड जाने का समय हो गया है, मौसम का बदलाव है तो ऐसे मौसम में दूषित खाने से बचना चाहिए,

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पैरों में हो रही झनझनाहट? कमजोरी के इस लक्ष्ण को भूलकर भी न करें इग्नोर

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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