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Bhadrasana Benefits: भद्रासन एक बेहद ही सरल और शांत योगासन है, जिसे रेगुलर करने से शरीर मजबूत होता है. मन खुश रहता है. इस आसन के रेगुलर अभ्यास से दिमाग तनावमुक्त रहता है. भद्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘भद्र’ और ‘आसन’. भद्र का मतलब शुभ और आसन का मतलब बैठने की मुद्रा. इस आसन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भद्रासन करने से शरीर मजबूत बनता है. तो चलिए जानते हैं विस्तार से भद्रासन करने के फायदों के बारे में…

भद्रासन करने के फायदे

भद्रासन करने से पूरे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. यह खासकर जांघ, घुटने और कूल्हों की मांसपेशियों को ताकत देता है. नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ता है. खिंचाव की समस्या दूर होती है. पीठ और कमर की मांसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करता है, जिससे शरीर स्वस्थ और स्थिर रहता है.

पीएम मोदी भी अपने ‘एक्स’ पोस्ट में भद्रासन की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें जोड़ों के लिए इसके लाभ के बारे में बताया गया है, जो घुटनों के दर्द को भी कम करता है. भद्रासन योग मुद्रा पेट की तकलीफों को दूर रखने में भी मददगार है.

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया. भद्रासन का अभ्यास जोड़ों को मजबूत बनाता है. घुटने के दर्द को कम करता है. यह पेट की तकलीफों को दूर रखने में भी मददगार है.

इस आसन से पेट से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं. पाचन तंत्र बेहतर बनता है. कब्ज से छुटकारा मिलता है. खाना सही तरीके से पचता है. इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.

भद्रासन गर्भवती महिलाओं के कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे प्रसव में आसानी होती है. पीरियड्स के दौरान होने वाली तकलीफों को भी दूर करता है.

इस आसन को करने से एकाग्रता बढ़ती है. दिमाग तेज होता है. सिरदर्द, कमर दर्द, आंखों की कमजोरी, अनिद्रा और हिचकी जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.

भद्रासन करने का सही तरीका

भद्रासन करने के लिए सबसे पहले, पालथी मारकर जमीन पर बैठ जाएं. पैर फर्श से अच्छी तरह संपर्क में होने चाहिए. धीरे-धीरे दोनों पैरों को बाहर की ओर फैलाएं. तलवों को एक-दूसरे के सामने लाएं. पैरों के तलवे को आपस में मिला लें. इसके बाद, अपने दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें. कोहनियों को घुटनों पर हल्के दबाव के साथ रखें ताकि घुटने जमीन की ओर दबें. रीढ़ को सीधा रखें और कंधों को आराम दें. सिर को सीधा रखें और सामने की ओर देखें. गहरी और धीमी सांस लें. सांस लेते समय रीढ़ को और सीधा करें और सांस छोड़ते समय शरीर को ढीला छोड़ें. इस आसन में 2-5 मिनट तक रहें, अपनी क्षमता के अनुसार. धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.

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