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नई दिल्ली : ‘अनुपमा’ के शनिवार के लेटेस्ट एपिसोड की शुरुआत एक भावनात्मक मोड़ पर होती है, जब प्रेम अपनी मां ख्याति के साथ कोठारी हाउस छोड़ने का फैसला लेता है. वसुंधरा कोठारी उसे रोकने की हर कोशिश करती हैं, लेकिन प्रेम किसी की भी नहीं सुनता. वो अपनी मां के लिए खड़ा होता है और अपने पिता पराग को दोषी ठहराते हुए कहता है कि उनके कारण ही ये हालात हुए हैं.
इस घटनाक्रम को देखकर अनुपमा को वो दिन याद आ जाता है जब वनराज शाह ने उसे भी घर से निकाल दिया था. वो कोठारी परिवार को तीखा श्राप देती है – ‘कल जब तुम्हारे कर्मों का पर्दाफाश होगा, तब तुम भी माफी मांगोगे लेकिन तुम्हें कोई माफ नहीं करेगा.’
घर छोड़ती ख्याति
जब अनुपमा, ख्याति, प्रेम और राही कोठारी मेंशन छोड़कर जाते हैं, वसुंधरा परेशान होकर दरवाजे तक आती हैं और गार्ड से पूछती हैं कि ये लोग कहां गए. गार्ड बताते हैं कि ख्याति अनुपमा जी के घर चली गई हैं. वसुंधरा, जिसे सब मोटी बा कहते हैं, गुस्से से दांत पीसते हुए कहती हैं – ‘हमें पहले से पता था कि अनुपमा इस मौके को हाथ से नहीं जाने देगी.’
कृष्ण कुंज में पाखी को मिला सबक
वहीं कृष्ण कुंज में एक और भूचाल आता है. पाखी, जो हमेशा अपनी बेटी ईशानी पर अपनी सोच थोपती रही है, आज उसी बेटी से करारा जवाब सुनती है. ईशानी अपने गुस्से में कहती है, ‘हां, ये मेरी सिगरेट है! अब मैं और नहीं सहूंगी. मैं अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीऊंगी.’ ये सुनकर पाखी अवाक रह जाती है. ईशानी अपना सामान लेकर चली जाती है और आखिरी बार चेतावनी देती है – ‘अगर मेरी जिंदगी में दखल देने की कोशिश की, तो अंजाम भुगतने को तैयार रहिए.’ किंजल उसे समझाती है – “जैसा कर्म करेंगे, वैसा ही फल इसी जन्म में मिलेगा.’
उधर अनुपमा, ख्याति और प्रेम को अपने घर लेकर आती है. घर का माहौल भावनात्मक हो जाता है जब प्रेम अपनी मां ख्याति को गले लगाता है. दूसरी तरफ, आर्यन अपने पिता पराग को गले लगाकर एक नई शुरुआत की ओर संकेत करता है.
पाखी को अपने कर्मों का एहसास
बापूजी और किंजल पाखी को उसकी पुरानी गलतियां याद दिलाते हैं – कैसे उसने अपनी मां अनुपमा की कभी इज्जत नहीं की, उसकी बात नहीं मानी और हमेशा दिल दुखाया. आज जब उसकी बेटी ईशानी उससे उसी अंदाज में पेश आई है, तब पाखी को समझ आता है कि दर्द कैसा होता है.
इस तरह 12 अप्रैल का ‘अनुपमा’ एपिसोड रिश्तों, पछतावे, सच्चाई और बदलावों की गहराई को बयां करता है.
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