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Agency:News18 Uttar Pradesh
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Lady finger top 6 varieties : किसान भाई इन किस्मों को फरवरी में उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा जब बुवाई वैज्ञानिक विधि से की जाए. 130 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से उत्पादन मिल सक…और पढ़ें
![फरवरी में उगाएं भिंडी की ये 6 किस्में, 35 दिन में शुरू हो जाएगी पहली तुड़ाई फरवरी में उगाएं भिंडी की ये 6 किस्में, 35 दिन में शुरू हो जाएगी पहली तुड़ाई](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/HYP_4964855_cropped_08022025_164116_img_20250208_164051_waterm_1.jpg?impolicy=website&width=640&height=270)
भिंडी
शाहजहांपुर. आलू और गन्ने की हार्वेस्टिंग के बाद अब किसानों के खेत खाली हो रहे हैं. अगर किसान फरवरी महीने में इन खाली खेतों में भिंडी की फसल उगा लें तो वो 35 से 40 दिनों में अच्छी आमदनी ले सकते हैं. भिंडी की बहुत सी ऐसी किस्में हैं जो कम दिनों में अच्छा उत्पादन देती हैं. हालांकि भिंडी की फसल उगाते समय किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. इस अगेती भिंडी की बाजार में काफी मांग रहती है. ध्यान रहे कि फरवरी महीने में भिंडी की खेती करते समय उन्नत किस्म का ही चयन करना चाहिए.
काशी लीला
जिला उद्यान अधिकारी डॉ पुनीत कुमार पाठक कहते हैं कि ‘काशी लीला’ भिंडी की एक विशेष किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) के तहत भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में विकसित किया गया है. ये किस्म अपनी उच्च उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता और बेहतर स्वाद के लिए जानी जाती है. ये कई आम बीमारियों जैसे पत्ती मुरझाने और फल सड़न के प्रति प्रतिरोधी है. भिंडी की ये किस्म 30 से 35 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म से किसान भाई 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं. इसके पौधे 110 से 150 सेमी तक लंबे होते हैं.
हिसार उन्नत
‘हिसार उन्नत’ भिंडी की एक लोकप्रिय किस्म है. इस किस्म की भिंडी के पौधे मजबूत और रोग प्रतिरोधी होते हैं. ये किस्म पीलिया रोग के प्रति प्रतिरोधी है. इस किस्म से किसान 130 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं. ये किस्म पहले 46- 47 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है.
काशी प्रगति
‘काशी प्रगति’ भिंडी की एक उन्नत किस्म है, जिसे पीला मोजेक वायरस रोग के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है. इस किस्म को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) ने विकसित किया है. इसके पौधों की ऊंचाई 130 से 150 सेमी तक रहती है. पहली तुड़ाई 36 से 38 दिनों में की जा सकती है और 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन होता है. गर्मियों में 160 क्विंटल उत्पादन ले सकते हैं.
काशी विभूति
‘काशी विभूति’ उच्च उत्पादन वाली भिंडी की किस्म है. ये किस्म 38 से 40 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. बेहतर देखभाल करने पर इससे 170 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन लिया जा सकता है.
परभनी क्रांति
‘परभनी क्रांति’ भिंडी की एक लोकप्रिय और उच्च उपज देने वाली किस्म है. ये अपनी मजबूत वृद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता और अच्छी गुणवत्ता वाली फलियों के लिए जानी जाती है. इस किस्म से किसान 85 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं. ये 55 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है.
आजाद क्रांति
‘आजाद क्रांति’ भिंडी की एक लोकप्रिय किस्म है, जो अपनी उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है. ये किस्म भारतीय किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. 50 से 55 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. 125- 130 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन होता है. ये किस्म येलो वेन मोजेक वायरस प्रतिरोधी है.
Saharanpur,Uttar Pradesh
February 08, 2025, 20:45 IST
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