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Farrukhabadi Langra Mango: फिलहाल फर्रुखाबादी लंगड़ा आम की मिठास वाराणसी, प्रयागराज के लोगों को भा रही है. यह आम अब तक दूसरे शहरों में भेजा गया है. बनारस, प्रयागराज, सुल्तानपुर के साथ ही राजस्थान के कोटा और जयप…और पढ़ें

बाजार में मौजूद लंगड़ा आम
फर्रुखाबाद: मैंगो बेल्ट के नाम से मशहूर फर्रुखाबाद के कायमगंज क्षेत्र में इस बार आम के बागों में भरपूर फसल आई है. आंधी, पानी और अनुकूल मौसम की कमी के बावजूद बंपर पैदावार हो रही है, जिससे बागवानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. लोकल 18 से बात करते हुए किसान मुद्दीद ने बताया कि आंधी और तूफान ऐसे समय पर आए जब पेड़ों पर आम की फसल लगी हुई थी, जिससे फसल को नुकसान पहुंचा. इस कारण फसल के दाम भी बढ़ गए है.
हालांकि, मंडी में पहुंचने पर बची फसल अच्छे दामों पर बिक रही है. पुरानी वैरायटी जैसे दशहरी, लंगड़ा, चौसा आदि की पैदावार में जलवायु परिवर्तन का असर देखा जा रहा है, जिससे एक साल कम और एक साल ज्यादा फसल आती है. जब फसल कम होती है तो पेड़ों को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे फल वजनदार और रसीले होते है.
आम अधिक वजनदार और रसीला
आम की पौध करने वालों का मानना है कि इस बार कम फसल होने से आम का स्वाद और वजन बेहतर हो रहा है. आम के बड़े कारोबारी ने बताया कि बागों में एक वर्ष के अंतराल पर बंपर पैदावार होती है. कम फसल होने पर आम अधिक वजनदार और रसीला होता है और इस साल आम के दाम दुगने होने की उम्मीद है. बाहर के राज्यों से भी इस बार डिमांड बढ़ी है, जिससे आम पिछले वर्ष की तुलना में उचित दाम पर बिक रहे है.
इन जिलों में हो रही आम की सप्लाई
फिलहाल फर्रुखाबादी लंगड़ा आम की मिठास वाराणसी, प्रयागराज के लोगों को भा रही है. यह आम अब तक दूसरे शहरों में भेजा गया है. बनारस, प्रयागराज, सुल्तानपुर के साथ ही राजस्थान के कोटा और जयपुर में भी आम भेजा गया. तैयार आम को अन्य राज्यों में 25 किलो की प्लास्टिक क्रेट में भरकर भेजा जा रहा है. बाग से तोड़े गए कच्चे आम को पकने में पांच दिन लगते हैं, तब तक यह आम आसानी से इन राज्यों तक पहुंच जाता है.
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