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9 मार्च को होने वाले मेगा फाइनल के लिए न्यूजीलैंड की टीम दुबई पहुंच चुकी है. इस टूर्नामेंट में भारत ने अब तक 4 मैच खेले और चारों जीते. भारत ने न्यूज़ीलैंड को ग्रुप स्टेज में 44 रन से हराया था. उस मैच में भारत …और पढ़ें

भारतीय स्पिनर्स के नाम 15 विकेट तो किवी स्पिनर्स ले चुके है 17 विकेट
हाइलाइट्स
- भारत ने न्यूज़ीलैंड को ग्रुप स्टेज में 44 रन से हराया था.
- 4 मैचों में भारतीय स्पिनर्स ने लिए है 21 विकेट .
- न्यूज़ीलैंड के स्पिन गेंदबाज़ों ने 17 विकेट हासिल किए हैं.
नई दिल्ली. कसक ना रह जाए इसलिए ठसक के साथ खेलना होगा, मलाल ना रह जाए इसलिए मैदान पर अपने जलाल को बरकरार रखना होगा, वार खाली ना जाए इसके लिए अपने खेल के धार को बनाए रखना होगा क्योंकि बहुत पुरानी कहावत है रेस में नंबर दो पर आने को कई याद नहीं रखता यानि जो जीता वहीं सिकंदर वाली कहावत टीम इंडिया को फाइनल से पहले हर बार दोहराते रहना चाहिए.
9 मार्च को होने वाले मेगा फाइनल के लिए न्यूजीलैंड की टीम दुबई पहुंच चुकी है. इस टूर्नामेंट में भारत ने अब तक 4 मैच दुबई में खेले और चारों जीते. भारत ने न्यूज़ीलैंड को ग्रुप स्टेज में 44 रन से हराया था. उस मैच में भारत ने पहले 249 रन बनाए, जिसमें श्रेयस अय्यर ने 79 रन बनाए. फिर वरुण चक्रवर्ती ने 5 विकेट लिए और न्यूज़ीलैंड को 205 रन पर रोक दिया था पर इस बार कहानी थोड़ी बदल सकती है .
दुबई के दंगल के दांव-पेंच
दुबई में खेले जाने वाले फाइनल में सबसे बड़ा दांव दोनों टीमें अपने अपने स्पिनर पर लगाएगी. इस टूर्नामेंट के लिए भारत ने 5 स्पिनर चुने जिनमें से चार खेले और सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. भारतीय स्पिनर्स ने कुल 21 विकेट लिए है वहीं न्यूज़ीलैंड के स्पिन गेंदबाज़ों ने 17 विकेट हासिल किए हैं, और वे भारत को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. न्यूज़ीलैंड की स्पिन गेंदबाजी का लीडर है मिचेल सैंटनर. अब तक 8 विकेट चटका चुके मिचेल सैंटनर बहुत चालाक गेंदबाज़ हैं. वे गेंद को घुमाते हैं और बल्लेबाज़ों को परेशान करते हैं. उनके साथ 6 विकेट लेने वाले माइकल ब्रेसवेल भी हैं, जो एक और शानदार स्पिनर हैं. फिर ग्लेन फिलिप्स हैं, जो गेंदबाजी भी करते हैं और फील्डिंग में भी कमाल हैं. रचिन रवींद्र भी स्पिन गेंदबाजी करते हैं और बहुत अच्छे ऑलराउंडर हैं. इन चारों स्पिनरों की खास बात ये है कि ये सब अलग-अलग तरह की गेंदबाजी करते हैं. कोई तेज़ गेंद डालता है, कोई धीमी, कोई ज़्यादा घुमाता है, तो कोई कम. इससे न्यूज़ीलैंड की स्पिन गेंदबाजी बहुत मज़बूत हो जाती है. चूंकि वे पहले भारत के साथ इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं, तो उन्हें पिच की पूरी जानकारी होगी.उन्हें पता होगा कि पिच पर गेंद कैसे रुकती है, कैसे घूमती है, और बल्लेबाज़ों को क्या परेशानी होती है. फाइनल उसी पिच पर होगा, जो भारत और पाकिस्तान के मैच में इस्तेमाल हुई थी. उस पिच पर स्पिन गेंदबाज़ों को बहुत मदद मिलती है. इसलिए न्यूज़ीलैंड अपने स्पिनरों पर बहुत भरोसा करेगा.
किवी तेज गेंदबाजी में विविधता
पाकिस्तान की फ्लैट पिचों पर जैसी गेंदबाजी न्यूज़ीलैंड की तेज़ गेंदबाजों ने की वो बहुत खास है. उनके तेज़ गेंदबाज़ नई गेंद से बहुत कुछ कर सकते हैं. टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 10 विकेट ले चुके मैट हेनरी और 6 विकेट ले चुके विलियम गेंद को स्विंग कराने में माहिर हैं. किवी टीम के बाकी तेज गेंदबाज भी इस टूर्नामेंट में दूसरी टीमों के गेंदबाज़ों से ज़्यादा गेंद को मूव करा पाए है. न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ लंबे हैं, यानी उनकी हाइट ज़्यादा है. इसकी वजह से जब वे गेंद डालते हैं, तो गेंद को हवा में ज़्यादा समय मिलता है. भारत के टॉप बल्लेबाज़, जो शुरुआत में खेलते हैं, उन्हें ये उछाल और गेदों का हिलना पहले भी ICC टूर्नामेंट्स में परेशान कर चुकी है. न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ इस बात का फायदा उठाना चाहेंगे. वे कोशिश करेंगे कि भारत के बड़े बल्लेबाज़ जल्दी आउट हो जाएं, ताकि भारत दबाव में आ जाए. अगर शुरुआती ओवरों में भारत के विकेट गिर गए, तो न्यूज़ीलैंड को बहुत बड़ा फायदा हो सकता है. यानि इस बार दुबई में होने वाले मुकाबले के लिए न्यूजीलैंड ज्यादा तैयारी के साथ उतरेगी और लीग मैच वाली गलती तो कतई नहीं दोहराएगी.
New Delhi,Delhi
March 06, 2025, 14:25 IST
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