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WHO Alert on Chikungunya Cases: डब्ल्यूएचओ ने चिकनगुनिया वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है. 2005 की तरह एक बार फिर चिकनगुनिया के मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं. अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं बन सकी है.

फिर लौट आया यह खतरनाक Virus, 20 साल पहले दुनिया में मचाई थी तबाही, अब 560 करोड़ लोगों पर खतरा !एक बार फिर दुनियाभर में चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं.

हाइलाइट्स

  • चिकनगुनिया वायरस फिर तेजी से फैल रहा है.
  • 560 करोड़ लोग चिकनगुनिया के खतरे में हैं.
  • चिकनगुनिया से बचाव के लिए रोकथाम जरूरी है.
Chikungunya Returns: साल 2005 में एक वायरस ने दुनिया के कई देशों में तबाही मचाई थी और लोगों को अपना शिकार बनाया था. इसके कारण तमाम लोगों ने जान गंवाई थी, जबकि कई लोगों को लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ा था. यह वायरस हिंद महासागर क्षेत्र के छोटे-छोटे देशों से फैलना शुरू हुआ था और धीरे-धीरे भारत समेत कई देशों में फैल गया था. बाद में इसका कहर कम हो गया था और लोग इसका नाम तक भूल गए. इस खतरनाक वायरस का नाम चिकनगुनिया (Chikungunya) है, जो अब एक बार फिर तेजी से फैलने लगा है. खतरे को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की तरफ से गंभीर चेतावनी जारी की गई है. एशिया और यूरोप के कई देशों में इसके केस लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंताजनक हैं.

ET की रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की मेडिकल ऑफिसर डायना रोजास अल्वारेज ने बताया है कि वर्तमान में 119 देशों में लगभग 560 करोड़ लोग चिकनगुनिया इंफेक्शन के खतरे में हैं. यह वायरस तेज बुखार, जोड़ों में असहनीय दर्द और रेयर मामलों में विकलांगता का कारण बन सकता है. अभी तक इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं है और यह वायरस मच्छरों के जरिए तेजी से फैलता है. बारिश के मौसम में इसका खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छर ज्यादा हो जाते हैं. 2025 में चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों ने साल 2005 की भयानक चिकनगुनिया महामारी की यादें ताजा कर दी हैं. उस समय यह बीमारी पहली बार हिंद महासागर के छोटे द्वीपों से शुरू होकर 5 लाख से ज्यादा लोगों को चपेट में ले चुका था.
एक बार फिर चिकनगुनिया वायरस तेजी से फैल रहा है. ला रीयूनियन, मायोट और मॉरिशस जैसे द्वीपों पर चिकनगुनिया को लेकर स्थिति गंभीर है. ला रीयूनियन में करीब 33 प्रतिशत लोग चिकनगुनिया से संक्रमित हो चुके हैं. चिकनगुनिया वायरस अब इन द्वीपों से फैलकर मैडागास्कर, सोमालिया और केन्या जैसे अफ्रीकी देशों तक पहुंच गया है. इसके बाद यह दक्षिण-पूर्वी एशिया में फैल गया है, जहां भारत में महामारी जैसे संकेत दिख रहे हैं. भारत में भी चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बरसात के मौसम में भारत में मच्छरों का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ जाता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स यूरोप में चिकनगुनिया वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, क्योंकि यह वायरस उष्णकटिबंधीय देशों में फैलता था. हालांकि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक यात्रा के कारण यह वायरस अब यूरोप में भी फैल रहा है. फ्रांस में 1 मई के बाद से चिकनगुनिया के लगभग 800 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 12 स्थानीय संक्रमण शामिल हैं. कुछ मामलों में मच्छरों के जरिए बिना यात्रा किए लोग संक्रमित हो रहे हैं. इटली में भी हाल ही में एक मामला दर्ज किया गया है. चिकनगुनिया मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के जरिए फैलता है, जो दिन में काटते हैं. ये मच्छर डेंगू और जीका वायरस भी फैलाते हैं.

एक्सपर्ट्स की मानें तो चिकनगुनिया से संक्रमित होने पर अधिकतर लोग रिकवर हो जाते हैं, लेकिन संक्रमण के बाद भी जोड़ों का दर्द कई हफ्तों या महीनों तक बना रह सकता है. बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में यह वायरस गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. WHO ने चेतावनी दी है कि जब तक इस बीमारी का टीका या इलाज नहीं आता, तब तक रोकथाम ही असरदार उपाय है. चिकनगुनिया से बचने के लिए एंटी मॉस्किटो प्रोडक्ट, पूरी बाजू के कपड़े पहनना, मच्छरदानी लगाना और आस-पास जमा पानी को साफ करना जरूरी है. WHO ने दुनियाभर की सरकारों और स्वास्थ्य एजेंसियों से अपील की है कि वे निगरानी, जन-जागरुकता और मच्छर नियंत्रण कार्यक्रमों को तेज करें, ताकि 2000 के दशक की तरह फिर से वैश्विक संकट पैदा न हो.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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