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Untold Story About Film ‘Don’: बॉलीवुड निर्देशक चंद्रा बरोट अब हमारे बीच नहीं रहे. 20 जुलाई को उनका निधन हो गया था. उन्होंने अपने करियर में कुछ ही फिल्मों का निर्देशन किया था, जिनमें से एक ‘डॉन’ भी थी. उन्हें सिर्फ ‘डॉन’ फिल्म के लिए ही जाना जाता था. आज हम आपको ‘डॉन’ से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनसे आप भी शायद अनजान होंगे.

नई दिल्ली. बॉलीवुड निर्देशक चंद्र बरोट का फिल्मी करियर काफी छोटा रहा. उन्होंने कुछ फिल्मों में सहायक निर्देशक के तौर पर काम करना शुरू किया, उसके बाद अमिताभ बच्चन की ‘डॉन’ उनकी पहली निर्देशित फिल्म थी. ‘डॉन’ ब्लॉकबस्टर फिल्म होने के बावजूद, चंद्र बरोट का करियर आगे नहीं बढ़ सका और कुछ बंगाली फिल्मों का निर्देशन करने के बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी.

20 जुलाई को उनके निधन के बाद अमिताभ बच्चन ने उन्हें एक पोस्ट के जरिए श्रद्धांजलि भी दी. आज हम आपको साल 1978 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘डॉन’ से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म ‘डॉन’ को कोई डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिल रहा था. दरअसल, डिस्ट्रीब्यूटर्स को फिल्म के नाम से आपत्ति थी, क्योंकि उन सभी ने सोचा कि यह उस समय के एक लोकप्रिय ब्रांड डॉन अंडरवियर के नाम पर रखा गया है.

वहीं, जब बाद में फिल्म रिलीज हुई तो अमिताभ बच्चन ने बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया. विकिपीडिया के अनुसार, महज 70 लाख में बनी फिल्म ‘डॉन’ ने बॉक्स ऑफिस पर कुल 7 करोड़ की कमाई की थी. शायद उस वक्त खुज मेकर्स ने भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि यह फिल्म इतनी चल जाएगी.

फिल्म की कमाई ने सबको हैरान कर दिया था. इतना ही नहीं, ‘डॉन’ साल 1978 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. बता दें, यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म थी, जिसे सलीम-जावेद ने लिखा था और नरीमन ईरानी ने निर्मित किया था.

फिल्म में अमिताभ बच्चन दोहरी भूमिका में थे, उनके साथ जीनत अमान, प्राण, इफ्तिखार, ओम शिवपुरी और सत्येन कप्पू सहायक भूमिकाओं में थे। संगीत कल्याणजी-आनंदजी ने दिया था और गीत अंजान और इंदीवर ने लिखे थे. इसे बॉक्स ऑफिस इंडिया द्वारा गोल्डन जुबली का दर्जा दिया गया था.

फिल्म की कहानी की बात करें तो ‘डॉन (अमिताभ बच्चन)’ मुंबई का एक कुख्यात अपराधी है जो ग्यारह देशों में वॉन्टेड होने के बावजूद अधिकारियों की पकड़ से हमेशा बचता रहता है. डीएसपी डिसिल्वा (इफ्तेखार अहमद शरीफ), इंस्पेक्टर वर्मा (सत्येन कप्पू) और इंटरपोल अधिकारी आरके मलिक (ओम शिवपुरी) पिछले कुछ साल डॉन को पकड़ने में लगा चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

पुलिस के साथ पीछा करते हुए, डॉन एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो जाता है और डिसिल्वा के सामने दम तोड़ देता है, जो बिना किसी को बताए डॉन का अंतिम संस्कार कर देता है. डिसिल्वा अपने साथी अधिकारियों से भी डॉन की मौत को छुपाता है और विजय नाम के एक हमशक्ल को ढूंढ़ता है, जो एक स्ट्रीट परफॉर्मर है. इसके बाद आगे क्या होता है, इसके लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर उपलब्ध है.
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