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1. इंग्रीडिएंट्स क्या हैं, ये जरूर देखें
जब भी आप कोई पैक्ड फूड खरीदें, तो सबसे पहले उसकी इंग्रीडिएंट्स लिस्ट को चेक करें, ये लिस्ट अक्सर पैकेट के पीछे या किनारे छपी होती है. इसमें बताया जाता है कि उस खाने में क्या-क्या डाला गया है. अगर आपको लिस्ट में ये नाम दिखें -रिफाइंड शुगर, हाइड्रोजेनेटेड ऑयल, मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG), प्रिज़र्वेटिव्स या आर्टिफिशियल फ्लेवर, तो ऐसे प्रोडक्ट से दूरी बनाएं, ये चीजें लंबे समय तक खाने से शरीर को नुकसान हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को. आप हमेशा ऐसे प्रोडक्ट्स खरीदें जिनमें नेचुरल इंग्रीडिएंट्स हों, जैसे होल ग्रेन, देशी घी, शहद, या कोई देसी मसाला जो आपने सुना हो.
अक्सर हम इस हिस्से को नजरअंदाज कर देते हैं जबकि ये सबसे जरूरी जानकारी देता है. न्यूट्रिशन फैक्ट्स का छोटा-सा बॉक्स पैकेट पर जरूर दिया होता है. इसमें बताया होता है कि प्रोडक्ट में कितनी मात्रा में कैलोरी, फैट, शुगर, फाइबर, प्रोटीन और कार्ब्स हैं.
हर पैक्ड फूड पर एक FSSAI नंबर लिखा होता है, जो बताता है कि वो प्रोडक्ट सरकार से मंजूरी प्राप्त है या नहीं, अगर किसी प्रोडक्ट पर ये नंबर नहीं है, तो उसे खरीदना जोखिम भरा हो सकता है. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग डिटेल्स, यानी किस कंपनी ने बनाया है, कहां बनाया है और कब बनाया है – ये भी जरूर पढ़ें. इससे आपको मालूम पड़ेगा कि सामान कितना नया है और किस ब्रांड पर भरोसा किया जा सकता है.
1. पैकेट की सील अगर टूटी हो या फूली हुई हो, तो वो सामान कभी न लें.
2. पैकेट में नमी दिखे या उसमें से अजीब सी गंध आ रही हो, तो समझिए वो खराब हो चुका है.
3. कई प्रोडक्ट्स पर अब QR कोड भी होता है, जिसे स्कैन करके आप उसकी रिपोर्ट, रिव्यू या ट्रैकिंग देख सकते हैं.
4. नकली या अनजाने ब्रांड्स से बचें, खासकर जब बात खाने की हो.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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