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डिजिटल डिटॉक्स का सबसे पहला और जरूरी कदम है फोन फ्री टाइम सेट करना. आप हर दिन 1 से 2 घंटे ऐसा समय तय करें जब आप जानबूझकर फोन को खुद से दूर रखें. जैसे खाने के समय, सोने से 1 घंटे पहले, या सुबह उठते ही. इस समय को आप अपने परिवार के साथ, किताब पढ़ने, ध्यान लगाने या टहलने में बिताएं. जब आप दिन के कुछ घंटे फोन से दूर रहेंगे, तो आप खुद महसूस करेंगे कि आपका मन हल्का और शांत हो रहा है.
तीसरा तरीका है सोशल मीडिया लिमिट तय करना. इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म हमें घंटों तक खुद में उलझा लेते हैं. इस पर कंट्रोल पाने के लिए आप “स्क्रीन टाइम” ऐप या फोन की डिवाइस सेटिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, जहां आप हर ऐप की डेली लिमिट सेट कर सकते हैं. जब लिमिट पूरी हो जाएगी, तो ऐप बंद हो जाएगा और आप बार-बार स्क्रॉलिंग से बच पाएंगे.
डिजिटल डिटॉक्स के दौरान रियल लाइफ एक्टिविटी में खुद को बिजी रखें. म्यूजिक सुनना, पेंटिंग, बागवानी, योगा, वॉक पर जाना या दोस्तों से आमने-सामने मिलना – ये सब चीजें आपके मन को चैन देंगी और स्क्रीन की आदत को कम करेंगी. खास बात ये है कि ये एक्टिविटीज आपको मानसिक संतुलन और खुशी भी देती हैं, जो लगातार स्क्रीन देखने से छिन जाती है.
आखिरी और सबसे जरूरी बात है कि अपने लिए समय निकालें और खुद को समझें. फोन से दूरी बनाना एक आदत है जो धीरे-धीरे ही डिवेलप होती है. खुद को जबरदस्ती रोकने के बजाय धीरे-धीरे बदलाव लाएं. एक दिन में कम से कम 2-3 घंटे फोन से दूर रहें, और हफ्ते में एक दिन डिजिटल फास्ट जरूर रखें – यानी फोन, टीवी, लैपटॉप से पूरी तरह दूरी. जब आप खुद फोन से थोड़ा दूर ले जाने लगते हैं, तो आपको पता चलता है कि असली सुकून किसमें है, तो अगली बार से जरूर इन टिप्स को फॉलो करें.
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