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जब बच्चा पढ़ाई में मन नहीं लगाता या दिनभर सुस्त और थका-थका सा नजर आता है, तो हम अक्सर सोचते हैं कि कहीं उसका ध्यान भटक रहा है या फिर उसे पढ़ाई में रुचि नहीं है. लेकिन कई बार इसका कारण हमारी जानकारी से परे होता है और वह है बच्चे का खानपान. जी हां, जो चीजें हम अपने बच्चों को खाने को दे रहे हैं, वे उनके शरीर और दिमाग पर गहरा असर डालती हैं. खासकर कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जिन्हें रोजाना या बार-बार देने से बच्चा सुस्त हो सकता है, उसका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता और वह मानसिक रूप से सक्रिय महसूस नहीं करता. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा फुर्तीला और पढ़ाई में मन लगाकर ध्यान दे, तो इन कुछ चीजों से परहेज करना जरूरी हो जाता है.

सबसे पहले बात करें पैकेज्ड फूड्स की, जैसे चिप्स, नमकीन, बिस्किट और रेडी-टू-ईट स्नैक्स. इन चीजों में बहुत अधिक मात्रा में ट्रांस फैट, नमक और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो शरीर में सुस्ती पैदा करते हैं. बच्चों को इन चीजों का स्वाद तो बहुत पसंद आता है, लेकिन ये उनके दिमाग को सुस्त कर देती हैं. जब बच्चा रोज ऐसी चीजें खाता है, तो उसका दिमाग ठीक से सक्रिय नहीं हो पाता और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आती है.

इसी तरह मीठे और शुगर से भरे फूड्स जैसे केक, पेस्ट्री, कैंडी, चॉकलेट्स और कोल्ड ड्रिंक्स भी बच्चों को एक पल के लिए एनर्जी देते हैं, लेकिन फिर तेजी से उनकी शुगर लेवल गिरती है, जिससे वे थके हुए और चिड़चिड़े लगने लगते हैं. ज्यादा मीठा खाने से बच्चा आलसी हो सकता है और पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता. इसके अलावा ये चीजें मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ा सकती हैं, जिससे मानसिक स्थिति भी प्रभावित होती है. कई बार माता-पिता बच्चों को ब्रेकफास्ट में मैदे से बनी चीजें जैसे समोसा, ब्रेड पकौड़ा या मैगी जैसी इंस्टेंट नूडल्स दे देते हैं, ताकि जल्दी से पेट भर जाए. लेकिन मैदा पचने में भारी होता है और इससे बच्चे को नींद आती है. अगर बच्चा सुबह भारी खाना खाकर स्कूल जाता है, तो वह क्लास में एक्टिव रहने के बजाय सुस्त रहता है और पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाता.

अगर बच्चों को ज्यादा डीप फ्राइड और ऑयली फूड्स खिलाए जाते हैं, तो उनका मेटाबॉलिज़्म स्लो हो जाता है, जिससे उन्हें भारीपन और थकान महसूस होती है. इसके अलावा, गैस, अपच और पेट दर्द जैसी दिक्कतें भी उन्हें परेशान कर सकती हैं. जब शरीर असहज होता है, तो दिमाग भी ठीक से काम नहीं करता और बच्चे का मन पढ़ाई से भटक जाता है. इसलिए जरूरी है कि बच्चों को ताजे, संतुलित और घर के बने हेल्दी खाने की आदत डाली जाए. फल, हरी सब्जियाँ, दालें, अंकुरित अनाज, दूध, घी और सूखे मेवे जैसे खाद्य पदार्थ बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. सही खानपान से न केवल बच्चा एक्टिव रहता है, बल्कि उसका ध्यान भी पढ़ाई में बना रहता है और वह तेजी से सीखता है.

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