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Smartphone Addiction: स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग बच्चों में ‘वर्चुअल ऑटिज्म’ का कारण बन रहा है. जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आशीष के अनुसार, 50 में से 40 बच्चों में इसके लक्षण पाए गए हैं.

बरेली जिला अस्पताल मनकक्ष.
हाइलाइट्स
- स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग बच्चों में वर्चुअल ऑटिज्म का कारण बन रहा है.
- 50 में से 40 बच्चों में वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षण पाए गए हैं.
- बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित करें और उनके साथ समय बिताएं.
बरेली: स्मार्टफोन, जिसे लोग अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में इस्तेमाल करते हैं, बच्चों के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है. आजकल बच्चों के हाथ में 24 घंटे स्मार्टफोन रहता है, जिससे उनका अधिकांश समय मोबाइल पर रील्स देखने में गुजरता है. यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब बच्चा मोबाइल के बिना खाना भी नहीं खाता. इस आदत के चलते बच्चों में कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं देखने को मिल रही हैं. जिला अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग में इस प्रकार के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मोबाइल और स्क्रीन की लत के कारण बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है, और उनके ऑटिज्म जैसे लक्षण भी दिखाई देने लगे हैं, जिसे ‘वर्चुअल ऑटिज्म’ ( Virtual Autism) कहा जाता है.
बच्चों में बढ़ रहे वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षण
जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आशीष के अनुसार, जब बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ जाता है, तो उनका मानसिक विकास रुकने लगता है. इस स्थिति को ‘वर्चुअल ऑटिज्म’ कहते हैं, और अब यह समस्या बच्चों में काफी बढ़ गई है. डॉ. आशीष ने बताया कि 50 में से 40 बच्चों में वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, और इनमें से कुछ बच्चे गंभीर ऑटिज्म से भी प्रभावित हो रहे हैं.
क्या है लक्षण?
वर्चुअल ऑटिज्म एक ऐसी स्थिति है, जो आमतौर पर 3 से 7 साल के बच्चों में देखने को मिलती है. आजकल, माता-पिता कम उम्र में ही बच्चों को मोबाइल फोन दे देते हैं, लेकिन यह आदत बच्चों के मानसिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित करती है. ऐसे बच्चों की उम्र 5 से 10 साल के बीच होती है, और अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है.
बच्चों में वर्चुअल ऑटिज़्म से बचाव के उपाय
इस समस्या से बचने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं. सबसे पहले, बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें. बच्चे के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और उन्हें किताबों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें. छोटे बच्चों को पिक्चर बुक दें, जिससे वे फोन से दूर रह सकें. इसके अलावा, बच्चों को पार्क में ले जाकर उनके साथ खेलकूद करें और यह सुनिश्चित करें कि बच्चा अपनी पूरी नींद ले.
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