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कर्नाटक के मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक के बुदनूर गांव में एक परिवार की बड़ी बेटी अपने प्रेमी के साथ भाग गई. इसके बाद बेइज्जती से बचने के लिए परिवार वालों ने भयानक कदम उठाया. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्य…और पढ़ें

पिता, मां और छोटी बहन कूदे तालाब में (image credit-AI)
हाइलाइट्स
- बड़ी बेटी भागी घर से
- सहन नहीं कर पाए पिता, मां और छोटी बहन
- पिता ने लिखी चिट्ठी
कर्नाटक के मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक के बुदनूर गांव का महादेव स्वामी, अपने मेहनती स्वभाव और शांत व्यवहार के लिए जाना जाता था. गांव के लोग उन्हें इज्जत की नजरों से देखते थे. उनकी पत्नी मंजुला एक प्यारी सी हाउस वाइफ, दोनों बेटियों की परवरिश में दिन-रात लगे रहते थे. बड़ी बेटी पढ़ाई में होशियार थी और छोटी बेटी हर्षिता हरदम मुस्कुराने वाली बच्ची थी.
कुछ हफ्ते पहले महादेव स्वामी की बड़ी बेटी, जिसने एक स्थानीय युवक से प्रेम हो गया और वह अचानक घर से गायब हो गई. बाद में पता चला कि वह युवक के साथ भाग गई थी. गांव में बातें बनने लगीं, लोग कानाफूसी करने लगे. ‘इज्जतदार’ समझे जाने वाले महादेव और उनका परिवार अब तानों और घूरती नजरों का शिकार बनने लगा. मंजुला का खाना-पीना छूट गया, महादेव की आंखों में नींद गायब हो गई और हर्षिता अपनी मां की गोद में रोते-रोते सो जाया करती.
शांत झील के पास गए और…
शनिवार की सुबह, गांववालों ने महादेव और उसके परिवार को बाइक पर झील की ओर जाते देखा. किसी को शक नहीं हुआ, क्योंकि ये परिवार अक्सर पास के मंदिरों में दर्शन करने जाता था. लेकिन इस बार कुछ अलग था. झील के किनारे बाइक रुक गई. तीनों ने अपनी चप्पलें उतारी, एक सुसाइड नोट निकाला और उसे पत्थर से दबा दिया ताकि उड़ न जाए. फिर, उन्होंने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और उस शांत झील में कूद कर आत्महत्या कर ली.
किसान की पड़ी नजर
कुछ घंटों बाद, वहां से गुजरते एक किसान की नजर बाइक और चप्पलों पर पड़ी. पुलिस को सूचना दी गई. रेस्क्यू टीम आई और तीनों शवों को झील से बाहर निकाला गया. गांव में शोक की लहर दौड़ गई. शवों को एचडी कोटे के अस्पताल ले जाया गया, पोस्टमार्टम हुआ, और फिर तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.
पिता ने लिखी चिट्ठी
महादेव ने जो सुसाइड नोट छोड़ा था, उसमें लिखा था , ‘हमारी मौत के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है. हमने ये कदम समाज की नजरों और बदनामी के डर से उठाया है. हमारी बड़ी बेटी ने हमें धोखा दिया. उसके भाग जाने से जो अपमान मिला, वह हमसे सहा नहीं गया. हमारी मौत के बाद उसे हमारी कोई संपत्ति या पैसा न दिया जाए.’
गांव में पसरा मातम
गांव के लोग सन्न रह गए. किसी को यह अंदाजा नहीं था कि परिवार इतने गहरे दुख में डूबा है. जिस बेटी की वजह से यह हादसा हुआ, वह न तो अंतिम संस्कार में शामिल हुई और न ही परिवार की अंतिम झलक देखने आई. पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है. ग्रामीणों का कहना है कि मृतक परिवार बहुत ही अच्छे लोग थे और उनकी मौत से गांव में शोक की लहर है.
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