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Summer Disease Diarrhea: गर्मियों के मौसम में डायरिया के मरीज बहुत बढ़ जाते हैं. ऐसे में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है.

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हाइलाइट्स
- गर्मी में डायरिया का खतरा बढ़ता है.
- गंदे पानी और पानी की कमी से डायरिया फैलता है.
- उबला पानी पिएं और धूप से बचें.
चित्रकूट: अप्रैल का महीना शुरू होते ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. तापमान जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे चित्रकूट के ग्रामीण और शहरी इलाकों में बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ने लगा है. इसमें सबसे ज़्यादा असर डायरिया का देखने को मिलता है. चित्रकूट पाठा क्षेत्र समेत जिले के कई इलाकों में गर्मी के समय डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जाती है. हर साल गर्मी के मौसम से लेकर बरसात तक में बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं.
डॉक्टर ने दी ये जानकारी
मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के डॉक्टर पवन कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि गर्मी के मौसम से बरसात के मौसम तक डायरिया का प्रकोप सबसे ज़्यादा होता है. अकेले मानिकपुर सीएचसी में हर साल इन महीनों में डायरिया के करीब 5 हज़ार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. अगर पूरे चित्रकूट जिले की बात की जाए तो ये आंकड़ा 10 हज़ार से भी ज़्यादा पहुंच जाता है.
इन वजहों से फैल रहा डायरिया
डॉक्टर पवन कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी और गंदे पानी का सेवन डायरिया फैलने की सबसे बड़ी वजह बनता है. गर्मी में पानी की कमी के कारण लोग कुएं और तालाबों का पानी लाकर पीते हैं, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही अगर आप तेज धूप में बिना किसी छांव या सुरक्षा के बाहर निकलते हैं, कभी-कभी लू लगने पर उल्टी-दस्त शुरू हो जाती है.
बचाव के लिए ये करें उपाय
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण और शहरी लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. गर्मी में घर से बाहर निकलते समय छाता या कपड़े से सिर और शरीर को ढक कर निकलें. ज़्यादा देर तक धूप में खड़े न रहें. बाहर के कटे-फटे फल, बासी खाना और गंदा पानी बिल्कुल न पिएं. इसके साथ ही उबला हुआ या साफ पानी ही इस्तेमाल करें और लू लगने की स्थिति में अपने पास के ही हॉस्पिटल में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
डायरिया के लक्षण
उन्होंने आगे बताया कि उल्टी-दस्त, पेट में मरोड़, कमजोरी और चक्कर आना, शरीर में पानी की कमी, ये सब डायरिया के लक्षण होते हैं और इसको हल्के में लेना जानलेवा हो सकता है. अगर उल्टी-दस्त की समस्या 1-2 दिन में न रुके तो तुरंत अपने नज़दीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें. समय पर इलाज मिलने पर बीमारी पर आसानी से काबू पाया जा सकता है. हालांकि लापरवाही भारी पड़ सकती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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