[ad_1]
Last Updated:
बरसाना की लट्ठमार होली प्रेम और परंपरा का अद्भुत संगम है। इसमें राधारानी की गोपियां नंदगांव के हुरियारों पर प्रेमपूर्वक लाठियां बरसाती हैं। हंसी-ठिठोली, गालियों, अबीर-गुलाल और नृत्य के बीच यह आयोजन हर साल हजारो…और पढ़ें

नंद गाँव के हुरियारों पर जमकर किया राधा रूपी गोपियों ने लाठियों से प्रहार
निर्मल कुमार राजपूत/ मथुरा- बरसाना की लट्ठमार होली का रंग हर साल अनोखा होता है. इस बार भी राधारानी रुपी गोपियों ने नंदगांव के कृष्ण रुपी हुरियारों पर जमकर प्रेमभरी लाठियां बरसाईं. हंसी, ठिठोली, गालियों और अबीर-गुलाल के बीच यह होली खेली गई. देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने इस अद्भुत आयोजन का भरपूर आनंद लिया.
ठिठोली और गीतों के साथ शुरू हुआ आयोजन
बरसाना की गुंज गलियों में जब नंदगांव के हुरियारे पहुंचे, तो उन्होंने होली के गीत गाकर वहां की हुरियारिनों को रिझाना शुरू किया. परंपरा के अनुसार, नंदगांव के हुरियारे पीली पोखर पर पहुंचकर पहले ठंडाई और भांग का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके बाद वे रंगीली गली पहुंचते हैं, जहां उनका स्वागत बरसाना की हुरियारिनें गालियों और गीतों के साथ करती हैं. इस माहौल में जब नाच-गाना चरम पर पहुंचता है, तब शुरू होती है लट्ठमार होली, जिसमें बरसाना की गोपियां नंदगांव के हुरियारों पर लाठियों की बौछार करती हैं और हुरियारे ढाल से खुद को बचाते हैं.
द्वापर युग से चली आ रही परंपरा
ऐसा कहा जाता है कि यह लट्ठमार होली द्वापर युग से चली आ रही परंपरा है. राधारानी की सखियां, कृष्ण और उनके सखाओं को प्रेम से लाठियों से पीटती हैं, जिसका बचाव करने के लिए नंदगांव के हुरियारे ढाल का इस्तेमाल करते हैं. यह आयोजन राधा-कृष्ण की अनोखी प्रेम लीला का प्रतीक माना जाता है. इस ऐतिहासिक परंपरा को देखने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु देश-विदेश से बरसाना पहुंचते हैं.
स्वयं देवता भी देखने आते हैं लट्ठमार होली
माना जाता है कि बरसाना की लट्ठमार होली को देखने के लिए स्वयं देवता भी आते हैं. भक्तों के उत्साह और उल्लास से सराबोर यह आयोजन भक्तिरस से परिपूर्ण होता है. इस बार राधारानी मंदिर पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा कर होली का आनंद और भी दोगुना कर दिया गया.
भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित
8 मार्च 2025 को होने वाली लट्ठमार होली के आयोजन के चलते प्रशासन ने बरसाना में भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. गोवर्धन, छाता, कोसीकलां और कामां से कोई भी भारी वाहन बरसाना की ओर नहीं जाने दिया गया। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के जवान हर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बरसाना की लड्डू होली और लट्ठमार होली के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. बरसाना को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। आगरा, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ और सहारनपुर जोन की पुलिस फोर्स यहां तैनात रही. पुलिस और पीएसी के जवानों ने 6 मार्च की शाम ब्रीफिंग के बाद अपने प्वाइंट संभाल लिए थे. खुफिया विभाग के जवान भी सादा वर्दी में पूरी तरह मुस्तैद रहे.
अनूठी परंपरा का जीवंत उत्सव
बरसाना की लट्ठमार होली सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राधा-कृष्ण की प्रेम लीला का जीवंत चित्रण है. यह आयोजन जहां प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है, वहीं भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी संजोए हुए है। यदि आपने इसे अब तक नहीं देखा है, तो अगली बार बरसाना में लट्ठमार होली देखने जरूर आएं!
Mathura,Uttar Pradesh
March 10, 2025, 20:54 IST
[ad_2]
Source link