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बरेली की तंग गलियों में मिलने वाला पारंपरिक “स्वाल-आलू” नाश्ता पिछले 80 सालों से लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. सुबह के वक्त अगर आपने यह हल्का और बेहद सस्ता नाश्ता कर लिया, तो दिनभर तरोताजा और हल्कापन महसूस होत…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • बरेली का स्वाल-आलू नाश्ता 80 साल से लोकप्रिय है.
  • स्वाल-आलू नाश्ता बिहारीपुर की तंग गलियों में मिलता है.
  • स्वाल-आलू नाश्ता केवल 10 रुपए में उपलब्ध है.
बरेली. यूपी के बरेली जिले के बिहारीपुर क्षेत्र की तंग गलियों में मिलने वाला सुबह का नाश्ता बेहद मशहूर और हल्का होता है. इस नाश्ते को करने के लिए आपको सिर्फ बरेली शहर ही आना होगा. हम बात कर रहे हैं “स्वाल-आलू” की. सुबह के वक्त अगर आपने इस नाश्ते को कर लिया, तो आपका दिन तरोताजा और आप हल्का महसूस करेंगे. पिछले 80 साल से सुबह के वक्त सभी बरेली के लोग नाश्ते में खाना पसंद करते हैं स्वाल-आलू. यह नाश्ता बेहद हल्का और बेहद ही सस्ता होता है. यह नाश्ता आपको सिर्फ और सिर्फ बरेली शहर के ओल्ड सिटी क्षेत्र बिहारीपुर की तंग गलियों में मिलता है और यहां पर भी आप सुबह 6:00 बजे से लेकर सुबह 11:00 तक की दुकानों पर यह नाश्ता उपलब्ध मिलेगा.

70 साल से पुरानी है दुकान
बरेली शहर के बिहारीपुर इलाके में सुबह के वक्त नाश्ते की कई दुकानें लगती हैं, लेकिन यहां का फेमस नाश्ता “स्वाल-आलू” के नाम से जाना जाता है. इस नाश्ते का स्वाद ऐसा है कि बड़े से बड़ा नेता और अधिकारी भी सुबह-सुबह बिहारीपुर की तंग गलियों में लाइन लगाकर इसका स्वाद लेते नजर आते हैं. 70 साल से भी ज्यादा पुरानी दुकानों पर मिलने वाला यह नाश्ता मैदा से बनी पापड़ी और उबले हुए आलू में देसी मसालों और मिर्च के साथ परोसा जाता है, जो खाने में बेहद स्वादिष्ट और आनंददायक होता है.

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ये सब है खास
बरेली के बिहारीपुर इलाके में स्थित पूरन लाल की दुकान पूरे शहर में खास पहचान रखती है. करीब 70 साल पुरानी इस दुकान पर सुबह के वक्त मिलने वाला स्पेशल नाश्ता “स्वाल-आलू” लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. इस नाश्ते के साथ जलेबी खाने का स्वाद बरेली के लोगों को खूब भाता है. साथ ही, यहां खस्ता कचौड़ी भी सुबह के समय उपलब्ध रहती है. दुकानदार लाला अमरनाथ टंडन का कहना है कि अब तो इस नाश्ते को देखकर कई लोगों ने अपनी दुकानें खोल ली हैं, लेकिन उनकी दुकान पर मिलने वाला नाश्ता सबसे पुराना, सबसे अलग और सबसे सस्ता होता है, जिसे ग्राहकों की पसंद और संतुष्टि को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है.

बड़ी संख्या में लोग मौजूद 
इस खास नाश्ते की बात करें तो इसमें मैदा से बनी पपड़ी और जीरे-नमक से बने उबले हुए आलू शामिल होते हैं. इन दोनों को साथ में खाने पर जो स्वाद आता है, वह बेहद लाजवाब होता है और ग्राहकों की जुबां पर चढ़ जाता है. इस नाश्ते की तैयारी सुबह-सुबह ही शुरू हो जाती है और लोग बड़ी संख्या में इसे खाने के लिए पहुंचते हैं. इसकी खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह के मसाले का इस्तेमाल नहीं होता, बावजूद इसके इसका स्वाद इतना उम्दा होता है कि हर ग्राहक इसे खाने के बाद भी इसकी तारीफ करता नहीं थकता.

10 रुपए में भर जाता है पेट
इसकी कीमत की बात करें तो पहले यह नाश्ता महज ढाई पैसे में मिल जाया करता था. आज भी जब हर चीज़ महंगाई की मार झेल रही है, तब भी यह पारंपरिक नाश्ता ग्राहकों को बेहद सस्ती दर पर उपलब्ध कराया जाता है. केवल 10 रुपए में ग्राहक “स्वाल-आलू” के साथ भरपेट नाश्ता कर सकते हैं. कम कीमत और बेहतरीन स्वाद के कारण यह नाश्ता बरेली के लोगों की पहली पसंद बना हुआ है.

ग्राहकों का क्या कहना 
बिहारीपुर के निवासी मनीष सिंह बताते हैं कि वे सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए 5:00 बजे निकलते हैं और लौटते समय रोज़ाना स्वाद आलू के साथ मीठी जलेबी का नाश्ता करना उनकी आदत में शुमार है. यह स्वाद उन्होंने बचपन से लिया है और अब उनके बच्चे भी स्कूल जाते समय यही नाश्ता टिफिन में पैक करवा कर ले जाते हैं. मनीष कहते हैं कि वे खुद भी नाश्ता करते हैं और अपने घर के लिए भी पैक कराते हैं. आपको बता दें कि बरेली का यह सुबह का नाश्ता इतना खास है कि इसे चखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से यहां आते हैं.

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