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कानपुर जू में बर्ड फ्लू फैलने के बीच गोरखपुर से लाए गए शेर पटौदी पर विवाद खड़ा हो गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वेमुरी ने दौरा कर अफसरों से जवाब मांगा, लेकिन स्पष्ट जानकारी नहीं मिली. अब हर महीने जांच…और पढ़ें

कानपुर जू
हाइलाइट्स
- कानपुर जू में बर्ड फ्लू फैलने से हालात गंभीर है.
- बिना मंजूरी शेर पटौदी को गोरखपुर से लाने पर उठे सवाल.
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वेमुरी ने जू का दौरा किया.
कानपुर: बर्ड फ्लू के चलते चिड़ियाघर में दहशत का माहौल है. इसी बीच अचानक गोरखपुर से लाए गए बब्बर शेर “पटौदी” ने पूरे मामले को अधिक उलझा दिया है. अब सवाल ये उठ रहा है कि जब चिड़ियाघर पहले ही बर्ड फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है, तो आखिर किसके आदेश पर ये शेर यहां लाया गया?
उत्तर प्रदेश की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी खुद कानपुर पहुंचीं और पूरे हालात का जायज़ा लिया. उन्होंने जब अफसरों से सीधा सवाल किया कि पटौदी को यहां लाने की मंजूरी किसने दी, तो कोई भी अधिकारी इसका साफ जवाब नहीं दे पाया. जू की निदेशक से लेकर दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों तक सबने बस हां-ना में जवाब देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की.
हर महीने सभी वन्यजीवों की मेडिकल जांच की जाएगी
अनुराधा वेमुरी ने साफ कह दिया कि बर्ड फ्लू जैसी महामारी के समय किसी भी जानवर को बिना ठोस वजह और अनुमति के लाना एक गंभीर लापरवाही है. उन्होंने राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव नीरज कुमार के साथ मिलकर कई घंटे जू में बिताए और खुद हर पिंजरे, हर जीव की स्थिति देखी.
उन्होंने कहा कि अब से हर महीने सभी वन्यजीवों की मेडिकल जांच की जाएगी और जो भी स्टाफ या अफसर हैं, उन्हें सख्ती से प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. खास हिदायत दी गई है कि अगर किसी जानवर का व्यवहार असामान्य हो, तो उसका तुरंत इलाज करवाया जाए. सबसे ज्यादा फोकस पक्षियों पर निगरानी रखने पर रहेगा क्योंकि बर्ड फ्लू सबसे पहले उन्हीं में फैलता है.
कानपुर जू पर केंद्र से लेकर राज्य तक की नजर
बर्ड फ्लू फैलने के बाद से कानपुर जू पर केंद्र से लेकर राज्य तक नजर बनी हुई है. कुछ दिन पहले ही आईवीआरआई (भारतीय पशु रोग चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम यहां जांच के लिए आई थी. उन्होंने सैंपल लिए थे, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई, जिससे चिंता और भी बढ़ गई है.
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जू के निदेशक ने दी प्रतिक्रिया
जू की निदेशक श्रद्धा यादव ने बयान जारी कर कहा है कि जो भी निर्देश मिले हैं, उनका सख्ती से पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी पक्षी या जानवर की मौत की सूचना नहीं है और पूरे चिड़ियाघर में सतर्कता बरती जा रही है. लेकिन इस सबके बावजूद बड़ा सवाल यही है कि जब पूरी व्यवस्था बर्ड फ्लू के चलते अलर्ट पर है, तो पटौदी को लाने जैसी बड़ी कार्रवाई बिना मंजूरी के कैसे हो गई? अफसरों की चुप्पी ने शक को और गहरा कर दिया है. अब मामला सिर्फ बीमारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं.
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