[ad_1]
Last Updated:
Crime News: बांग्लादेशी सलीम मंडल ने भारत में फर्जी दस्तावेजों की मदद से पासपोर्ट तक बनवा लिया था. भारत में वो पिछले करीब दो दशकों से अपनी मां के साथ रह रहा था. कोच्चि पुलिस के हत्थे वो चढ़ा तो एक बड़े मॉड्यूल…और पढ़ें

बांग्लादेश का शख्स भारत में रह रहा था. (AFP)
हाइलाइट्स
- बांग्लादेशी युवक ने भारत आकर पासपोर्ट तक बनवा लिया.
- फिर अकसर वीजा लेकर बांग्लादेश आया-जाया करता था.
- सलीम मंडल 18 साल से भारत में रह रहा था.
नई दिल्ली. बांग्लादेश का रहने वाला युवक करीब दो दशक पहले तारों के नीचे से भारत में दाखिल हुए. उसने पहले एक एजेंट की मदद से भारत का आधार कार्ड बनावाया और फिर कुछ समय बाद भारतीय पासपोर्ट बनवाने में भी कामयाब हो गया. वो अक्सर फ्लाइट से ढाका आया-जाया करता था. हाल ही में एक चोरी के केस की जांच कर रही पुलिस इस बांग्लादेशी शख्स के घर पहुंची तो उसका इरादा जान सभी के पैरों-तले जमीन निकल गई. केरल के पेरुंबवूर में रह रहा बांग्लादेश नकली नोट की भारत में सप्लाई के नेटवर्क का हिस्सा है. इतनी सफाई से वो अपने इस धंधे को अंजाम दे रहा था कि किसी को कानों-कान खबर तक नहीं लगी.
पुलिस के मुताबिक उन्हें शक है कि यह नकली नोट बांग्लादेश में छापे गए होंगे. बांग्लादेश के अलीपुर के रहने वाले सलीम मंडल को ग्रामीण जिला पुलिस और अलपुझा रेलवे पुलिस ने 21 मार्च को एक ज्वाइंट अभियान के दौरान गिरफ्तार किया. हालांकि, पुलिस ने उसके पास से नकली दस्तावेज भी जब्त किए, जिससे पता चला कि वो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का निवासी है. पुलिस ने बताया कि वह पिछले 18 सालों से भारत में रह रहा था.
बांग्लादेश में छापे जा रहे नोट!
अलपुझा में ट्रेन में लैपटॉप और मोबाइल फोन की चोरी की सूचना मिलने पर पुलिस मंडल तक पहुंची. चोरी किए गए फोन को पेरुंबवूर में चालू करने पर पुलिस को सूचना मिली. छापे के दौरान उसके घर से 500 रुपये के करीब 17 नकली नोट बरामद किए गए. पुलिस ने बताया कि वह नकली नोट छापने के लिए कागज और स्याही बांग्लादेश ले जाता था और वहां से नकली नोट छापकर भारत लौटता था. वह यहां से चोरी किए गए लैपटॉप और मोबाइल को अपने संपर्कों के जरिए सीमा पार तस्करी करने के बाद बांग्लादेश में बेचता था.
मां को भी साथ ले आया भारत
पुलिस के मुताबिक, उसने स्वीकार किया कहा कि वो पश्चिम बंगाल से भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड भी बनवाया था. उसके पासपोर्ट पर बांग्लादेशी वीजा भी लगा हुआ था. पुलिस ने बताया कि उसने पेरुंबवूर इलाके में विभिन्न मामलों में गिरफ्तार कई प्रवासी मजदूरों को जमानत भी दिलाई थी. मंडल की मां रोजिना (52) भी फर्जी दस्तावेजों के साथ यहां रह रही थी, जिसे भी गिरफ्तार किया गया है. उसे पहले पेरुंबवूर पुलिस ने उसे रेप के एक मामले में गिरफ्तार किया था. यहां आरोपियों की मदद करने वालों पर नजर रखी जा रही है.
[ad_2]
Source link