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Barabanki News: बाराबंकी जिले की तहसील सिरौलीगौसपुर के बरौलिया गांव में स्थित महाभारत कालीन पारिजात वृक्ष इन दिनों अपने सुंदर स्वरूप में दिखाई दे रहा है. करीब चार माह के पतझड़ के बाद पहले इस वृक्ष में हरी-भरी पत…और पढ़ें

ऐतहासिक धरोहर पारिजात वृक्ष कई वर्षों बाद अपने सुंदर स्वरूप में दिखाई दे रहा है।
हाइलाइट्स
- महाभारत कालीन पारिजात वृक्ष अपने सुंदर स्वरूप में दिखाई दे रहा है.
- इस पेड़ के नीचे आने से एक अलग तरह का सुकून मिलता है.
- इन पुष्पों की खुशबू से पूरा परिसर सुगंधित हो गया है.
बाराबंकी में स्थित पौराणिक पारिजात वृक्ष वर्तमान में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस वृक्ष पर खिले स्वर्ण आभा वाले फूल विशेष रूप से लोगों को आकर्षित कर रहे है. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह वृक्ष महाभारत काल का है और इसे देववृक्ष के रूप में जाना जाता है. इसकी विशेषता इसके अद्वितीय फूल है जो स्वर्णिम आभा से युक्त होते है. बड़ी संख्या में पर्यटक इस ऐतिहासिक वृक्ष के दर्शन के लिए यहां आ रहे है और खिले हुए पुष्पों के साथ सेल्फी लेकर अपनी यादों को संजो रहे है. पारिजात के फूलों की अद्भुत सुंदरता पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रही है.
पेड़ के नीचे आने से सुकून मिलता
पर्यटकों का कहना है कि ऐसा विशाल पेड़ उन्होंने कहीं नहीं देखा. इसके पुष्प काफी बड़े और सफेद रंग के है जो बहुत अच्छे लगते है. इस पेड़ के नीचे आने से एक अलग तरह का सुकून मिलता है. मान्यता है कि पारिजात वृक्ष की पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और पारिजात पुष्प को अपने पास रखने से मन में शांति और धन की प्राप्ति होती है, इसलिए लोग खिले हुए पुष्प अपने साथ ले जाते है.

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या…और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या… और पढ़ें
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