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Sonbhadra farmers Crop destroyed : बदलते मौसम के कारण कई जगहों पर किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. सोनभद्र प्रभावित जिलों में से एक है, जहां ओले गिरने से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है.

कोई इन किसानों की भी तो सुध ले
हाइलाइट्स
- सोनभद्र में बारिश और ओलों से फसलें बर्बाद.
- किसानों को सरकार से मुआवजे की दरकार.
- गेहूं, चना, सरसों की फसलें बुरी तरह प्रभावित.
सोनभद्र. बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बाद सोनभद्र के किसानों को अब सरकार से मदद की दरकार है. प्रभावित किसान कह रहे हैं कि पल भर में उनकी मेहनत पर पानी फिर गया. ऐसे में उन्हें सरकार से कुछ मुआवजा मिलना चाहिए. उत्तर प्रदेश के कई हिस्से में मौसम का मिजाज बदलता दिखाई दे रहा है. कई जिलों में तेज बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई है. इस बदलते मौसम के कारण कई जगहों पर किसानों की फसलें प्रभावित हुई है. सोनभद्र प्रभावित जिलों में से एक है, जहां बारिश और ओले गिरने से किसानों की फसलें बुरी तरह खराब हो गई हैं.
कर्ज लेकर खेती
ये नुकसान विकास खंड चोपन, राबर्ट्सगंज, दुद्धी, बभनी, म्योरपुर और कोन समेत विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा हुआ है. खेतों में खड़ी गेहूं, चना और सरसों की फसलें खराब हो गई हैं. इसके अलावा, आम के पेड़ों पर आया बौर भी गिर गया है. इससे किसान बहुत दुखी हैं. इस संबंध में किसान कृष्ण कुमार कहते हैं कि खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर लोट गई है. सरसों, चना और मटर की फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. बैंकों और समितियों से कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान इस नुकसान से परेशान हैं.
सहायता राशि की मांग
तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से महुआ और आम को भी काफी नुकसान हुआ है. करुआ के किसान रामपाल चतुर्वेदी ने बताया कि कई एकड़ में उनका महुआ और आम के बागान हैं. तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से महुआ और आम के पेड़ में लगे फूल खराब हो रहे हैं. इससे अब आम महुआ की उपज कम होगी. किसान राजेश के अनुसार, हम लोगों के लिए ये बारिश इस वक्त अभिशाप है. कई फैसले हमारी खलिहान में काट कर रखी गई हैं, जिनको अब किसी भी दशा में बच पाना मुश्किल है. इस सीजन की पूरी फसल हमारी तबाह हो गई है. हम मांग करते हैं कि सरकार हमें ऐसी मुसीबत की घड़ी में उचित सहायता राशि प्रदान करे.
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