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IDIOT SYNDROME: आजकल कई लोग इंटरनेट को ही अपना डॉक्टर मानने लगे हैं. उनकी सेहत में कोई भी बदलाव महसूस होते ही वे डॉक्टर के बजाय पहले इंटरनेट की ओर रुख करते हैं.
निरंजन कामत/कोल्हापुर: आजकल लोगों में इंटरनेट का उपयोग बहुत बढ़ गया है. छोटी-छोटी बातों के लिए लोग इंटरनेट की मदद लेते हैं. इतना ही नहीं, लोग अपनी सेहत की जानकारी पाने के लिए भी इंटरनेट का सहारा लेते हैं. हाल ही में कई लोग इंटरनेट को ही अपना डॉक्टर मानने लगे हैं. उनकी सेहत में कोई भी बदलाव महसूस होते ही वे डॉक्टर के बजाय पहले इंटरनेट की ओर रुख करते हैं. ऐसी आदत अब आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है. बता दें कि इंटरनेट पर अपनी बीमारी का निदान करने की आदत के कारण लोग ‘इडियट सिंड्रोम’ के शिकार हो सकते हैं. पिछले कुछ समय से ऐसे मामलों में काफी वृद्धि हुई है, तो चलिए इस सिंड्रोम के बारे में कोल्हापुर के प्रसिद्ध सम्मोहन और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ (hypnotist and mental health expert) डॉ. उत्तम गव्हाणे से जानते हैं…
इडियट सिंड्रोम क्या है?
डॉक्टर का कहना है कि IDIOT का मतलब है इंटरनेट डिराइव्ड इंफॉर्मेशन ऑब्सट्रक्शन ट्रीटमेंट. यह एक ऐसी स्थिति है जहां आसानी से उपलब्ध जानकारी सही चिकित्सा उपचार (medical treatment) में बाधा डालती है. इंटरनेट के माध्यम से रोग का स्वयं निदान किया जाता है, जिससे या तो सही उपचार नहीं मिल पाता या खुद पर इलाज करके खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इंटरनेट आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं (health related problems) में मदद नहीं कर सकता. अच्छी और विश्वसनीय चिकित्सा वेबसाइट्स और ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप आपको अहम जानकारी दे सकते हैं.
WHO क्या कहता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे ‘इन्फोडेमिक’ कहता है. इससे मेडिकल सर्विस में कठिन स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि रोग के प्रकोप के समय डिजिटल में बहुत अधिक जानकारी उत्पन्न हो गई है.
इस सिंड्रोम का लोगों पर क्या प्रभाव होता है?
IDIOT सिंड्रोम के मानसिक प्रभाव गंभीर होते हैं. इससे एक विशेष मानसिकता (special mindset) विकसित होती है. मरीज दवाओं और डॉक्टरों पर अविश्वास करने लगते हैं और खुद ही इलाज करने का निर्णय लेते हैं. यह सोच और आदत पहले से ही किसी भी बीमारी से ग्रस्त लोगों के इलाज में बाधा बन सकती है. इससे मरीज की स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ सकती है.
IDIOT सिंड्रोम के नकारात्मक प्रभाव
इंटरनेट स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का खजाना है, लेकिन अगर आप अपने लक्षणों के बारे में लगातार जानकारी खोजते रहते हैं, तो इससे चिंता और तनाव पैदा हो सकता है.
साइबरकॉन्ड्रिया या IDIOT सिंड्रोम आपको लक्षणों की गलत जानकारी देगा. इससे आपको लगेगा कि आपको गंभीर बीमारी है, जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता.
आपको ऑनलाइन क्या मिलेगा इस डर से आप चिकित्सा सहायता लेने में देरी कर सकते हैं या टाल सकते हैं. इससे समय पर निदान और उपचार नहीं हो पाता और इसके लिए समय लग सकता है.
डॉक्टर कहते हैं कि साइबरकॉन्ड्रिया आपको ऑनलाइन जानकारी के आधार पर दवाएं बंद करने या बदलने के लिए प्रेरित कर सकता है. यह खतरनाक हो सकता है और इसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव हो सकता है.
January 29, 2025, 17:00 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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