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नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए भारत के अपने विजयी संयोजन में बदलाव की संभावना नहीं है. सहायक कोच रेयान टेन डोएशे ने पुष्टि की है कि थिंक टैंक युवा नीतीश कुमार रेड्डी को एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में तैयार करने की दीर्घकालिक योजना के तहत अतिरिक्त मौका देना चाहता है. दूसरा टेस्ट मैच दिल्ली में 10 अक्टूबर से शुरू होगा.

टेन डोएशे ने बुधवार को कहा, ‘मैं कहूंगा कि संयोजन में बदलाव की संभावना नहीं है. एक उद्देश्य, एक तरह से मध्यम अवधि का उद्देश्य, भारत के लिए एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर तैयार करना है.’

टीम मैनेजमेंट पिछले टेस्ट में रेड्डी की सीमित भूमिका के बावजूद उन्हें बरकरार रखने के लिए उत्सुक है. आंध्र प्रदेश के इस 21 वर्षीय खिलाड़ी को पिछले हफ्ते अधिक मौका नहीं मिला था, लेकिन कोचिंग स्टाफ इस सीरीज को उनकी ऑलराउंड क्षमता को निखारने के लिए एक मंच के रूप में देख रहा है.

डोएशे ने कहा, ‘जब हम दौरे पर जाते हैं तो यह बहुत जरूरी होता है कि हमारे पास वह मौका है. पिछले हफ्ते नितीश को अधिक मौका नहीं मिला इसलिए मुझे लगता है कि नीतीश को एक और मौका देने और टीम के संतुलन को नहीं बिगाड़ने का यह बहुत अच्छा मौका है। हमें लगता है कि वह एक शानदार तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं.’

नीदरलैंड के पूर्व कप्तान ने स्वीकार किया कि भारत में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के लिए सबसे बड़ी चुनौती अक्सर कौशल की बजाय शारीरिक मजबूती रही है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के लिए उसकी सबसे बड़ी सीमा उसका शरीर हो सकता है. वह इस देश में पहला ऑलराउंडर नहीं है जिसे हमने देखा है.’

डोएशे ने ऑस्ट्रेलिया में नीतीश के बल्लेबाजी प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें ‘एक बेहतरीन ऑलराउंडर’ बताया, जिनमें उच्चतम स्तर पर सफलता पाने का जज्बा है. उन्होंने एमसीजी में टेस्ट शतक लगाया है.

डोएशे ने कहा, ‘नीतीश मुझे लगता है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में सबको दिखा दिया है कि एक बल्लेबाज के तौर पर वह कितना अच्छा है. उनके लिए चुनौती यह सुनिश्चित करना होगी कि उन्हें विदेशी श्रृंखलाओं के बीच खेलने का समय मिले.’

भारत के स्पिन विभाग में पहले से ही रविंद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल जैसे तीन विश्वस्तरीय विकल्प मौजूद हैं जिनके पास समान कौशल है. डोएशे ने स्वीकार किया कि इस गहराई के कारण नीतीश के लिए लगातार अंतिम एकादश में जगह बनाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतिस्पर्धा से खिलाड़ी बेहतर ही होता है.

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