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आज किस्सा उस एक्ट्रेस का जिन्होंने पर्दे पर धमाल मचाया. उनके बड़े-बड़े काली आंखें, मुस्कुराता चेहरा और आकर्षक अभिव्यक्ति ने उन्हें अपने समय की सबसे चर्चित और प्रशंसित अभिनेत्रियों में शुमार किया. वो एक्ट्रेस जि…और पढ़ें

नई दिल्ली. नरगिस भारतीय सिनेमा की एक अमर शख्सियत. उन्होंने न सिर्फ अभिनय के जरिए दर्शकों का दिल जीता, बल्कि एक सशक्त महिला की छवि को भी स्थापित किया. 1940-50 के दशक में जब महिला किरदार अक्सर ‘हीरो’ के सहायक के रूप में दिखाए जाते थे, नरगिस ने फिल्मों में स्वतंत्र, मजबूत और निर्णायक भूमिकाएं निभाकर एक नया मिसाल पेश किया. फोटो साभार-रेडिट

आज के दिन साल 1929 में एक ऐसी शख्सियत ने जन्म लिया था, जिसने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि पूरे भारत की ‘आदर्श नारी’ की परिभाषा बदल दी. नरगिस… वो नाम जो सिनेमा के पर्दे पर आग, आंसू और आवाज. बनकर उभरा।. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस नरगिस को दुनिया ‘मदर इंडिया’ के तौर पर जानती है, असल जिंदगी में वो एक रिबेल, एक फाइटर थीं. फोटो साभार- @dutttnargis/Instagram

नरगिस बॉलीवुड की ‘ओरिजिनल डिवा’, जन्म के समय नाम था ‘फातिमा रशीद’, लेकिन मां जद्दनबाई (भारत की पहली महिला फिल्म निर्माता) ने उन्हें ‘बेबी’ पुकारा. उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में फिल्म ‘तलाश-ए-हक’ से डेब्यू किया. ‘नरगिस’ नाम उन्हें सरोजिनी नायडू ने दिया, जो फारसी शब्द ‘नरगिस’ (फूल) से प्रेरित था. फोटो साभार- @dutttnargis/Instagram

नरगिस और राज कपूर के साथ लव स्टोरी से दुनिया वाकिफ है. ‘बरसात’ (1949) और ‘आवारा’ (1951) के दौरान दोनों के बीच गहरा रोमांस पनपा. राज कपूर शादीशुदा थे, लेकिन नरगिस से 7 साल तक रिलेशनशिप में रहे. जद्दनबाई ने इस रिश्ते को ‘हिंदू-मुस्लिम’ होने के कारण खारिज कर दिया था. क्या आप जानते हैं? नरगिस ने ‘श्री 420’ की शूटिंग के दौरान राज कपूर को खुली चिट्ठी लिखकर रिश्ता तोड़ा था! फाइल फोटो.

नरगिस का सुनील दत्त से मिलना ‘डेस्टिनी वाला कनेक्शन’ रहा. 1957 में नरगिस ट्रेन से यात्रा कर रही थीं, जब अचानक दुर्घटना हो गई. सुनील दत्त ने उन्हें बचाया और यहीं से प्यार की शुरुआत हुई.1958 में दोनों ने शादी कर ली. यह बॉलीवुड की पहली सेलिब्रिटी वेडिंग थी, जिसने हेडलाइंस बटोरीं. शादी के बाद नरगिस ने फिल्मों से संन्यास ले लिया, क्योंकि सुनील दत्त चाहते थे कि वो ‘घर संभालें’. @dutttnargis/Instagram

<br />’मदर इंडिया’ का वो सीन जिसमें नरगिस वास्तव में जल गई थीं. फिल्म में ‘झूलन की हट्टी’ जलने वाले सीन के दौरान आग असली थी. नरगिस ने स्टंट डबल से मना कर दिया और खुद ही सीन किया. नतीजा ये हुआ कि उनके हाथ-पैर में गंभीर जलन हुई और उन्हें 6 महीने तक इलाज करवाना पड़ा. इस फिल्म के लिए उन्होंने पद्मश्री जीता, लेकिन उन्होंने इसे सिर्फ इसलिए स्वीकार किया क्योंकि यह जवाहरलाल नेहरू के हाथों मिला था.

नरगिस वो एक्ट्रेस रही, जिन्होंने बॉलीवुड की पहली ‘वुमन प्रोड्यूसर’ बनने का सपना देखा. वो चाहती थीं कि ‘मदर इंडिया’ जैसी फिल्में और बनें, इसलिए वह प्रोडक्शन में आना चाहती थीं. बाद में सुनील दत्त ने ‘दत्त फिल्म्स’ बनाई, जिसका नाम नरगिस के सम्मान में रखा गया. @dutttnargis/Instagram

वह पहली एक्ट्रेस थीं जिन्होंने पद्मश्री जीता. शबाना आजमी ने एक बार नरगिस के बारे में कहा था, ‘नरगिस ने हमें सिखाया कि एक औरत सिर्फ ‘हीरोइन’ नहीं, बल्कि ‘हीरो’ भी हो सकती है.’ शबाना आजमी जैसी आधुनिक अभिनेत्रियों के लिए नरगिस एक प्रेरणा बनीं, जिन्होंने साबित किया कि महिलाएं सशक्त, स्वतंत्र और निर्णायक भूमिकाएं निभा सकती है. फोटो साभार- रेडिट
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