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एक ऐसा टीला है, जहां रामायण की एक रोचक कहानी अक्सर याद आ जाती है. यह वही स्थान है, जहां रावण के मामा मारीच और सुबाहु 2KM की दूरी में रहते थे. इस स्थान पर खुदाई भी की गई है. इस दौरान यहां तमाम पुरावशेष पाए गए. सुजायत गांव सुबाहु और मरची नाम मारीच पर पड़ा. लेकिन अब मरची गांव उजड़ कर दूसरे स्थान पर बसने के कारण वहां केवल मारीच का नाम ही बचा है. सुबाहु और मारीच ऋषि मुनियों को काफी तंग करते थे, जिसका अंत यहां खुद भगवान राम ने आकर किया. (रिपोर्टः सनन्दन उपाध्याय/बलिया)

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