[ad_1]
Last Updated:
Traditional Himachali Recipe: मंडी जिले की यह अनोखी रेसिपी हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है. मक्की की रोटी से बने देसी घी और गुड़ के लड्डू न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि हमारे पारंपरिक खाने की अहमियत को भी उजागर करते हैं.
लडडू की तस्वीर
Desi Ghee Ladoo: हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और पारंपरिक व्यंजनों के लिए जाना जाता है, ने सदियों पुरानी एक अनोखी डिश को जन्म दिया है. यह डिश है मक्की की रोटी से बने देसी घी और गुड़ के मीठे लड्डू, जिसे मंडी के पुराने बुजुर्गों ने इनोवेट किया था. समय के साथ यह रेसिपी दुर्लभ हो चुकी है, लेकिन इसकी मिठास और सेहतमंद गुण आज भी इसे खास बनाते हैं.
पारंपरिक डिश का नया स्वरूप
मक्की की रोटी और सरसों का साग, जो पंजाब और हिमाचल के कई घरों में पसंदीदा भोजन है, अब ज्यादातर बड़े और बुजुर्गों की पसंद बनकर रह गया है. बच्चों को यह रोटी कम पसंद आती थी, जिसे देखते हुए मंडी के बुजुर्गों ने इसे अनोखे तरीके से पेश किया. उन्होंने मक्की की रोटी के टुकड़े करके उसमें देसी घी, गुड़ या शक्कर मिलाकर लड्डू बनाए.
इन मीठे लड्डुओं ने बच्चों को भी मक्की की रोटी का स्वाद पसंद करना सिखा दिया. यह डिश न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पारंपरिक मोटे अनाज के महत्व को भी नई पीढ़ी को सिखाने का माध्यम बनी.
बदलते समय में लुप्त होती धरोहर
समय के साथ यह डिश मंडी जिले के कई हिस्सों से गायब हो गई है. जहां पुराने समय में यह पूरे परिवार के बीच साझा की जाती थी, अब यह केवल कुछ घरों में ही बनाई जाती है. मंडी की गलियों में आपको कई पारंपरिक व्यंजन मिल जाएंगे, लेकिन मक्की की रोटी से बने ये मीठे लड्डू शायद ही कहीं देखने को मिलें.
मक्की की रोटी से लड्डू बनाने की विधि
अगर आप इस अनोखी डिश को बनाना चाहते हैं, तो इसे तैयार करना बेहद आसान है.
आटा गूंधना: मक्की का आटा लें और पानी की मदद से इसे गूंध लें.
रोटी बनाएं: गूंधे हुए आटे को बेलकर रोटी का आकार दें और इसे गैस या चूल्हे पर सुनहरा होने तक पकाएं.
रोटी को मैश करें: पकने के बाद रोटी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ें और एक बर्तन में डालें.
मिश्रण तैयार करें: इसमें देसी घी और गुड़ (या शक्कर) डालकर अच्छी तरह से मैश करें.
लड्डू का आकार दें: तैयार मिश्रण को हाथों से लड्डू के आकार में ढालें.
स्वाद और सेहत का अनमोल संगम
मक्की का आटा फाइबर, विटामिन बी, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. इसमें देसी घी और गुड़ मिलाने से यह डिश ऊर्जा बढ़ाने और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है. यह बच्चों और बड़ों के लिए समान रूप से फायदेमंद है.
परंपरा को जीवित रखने की जरूरत
मंडी के बुजुर्गों द्वारा बनाई गई यह डिश केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि पारंपरिक अनाजों के महत्व को समझाने के लिए भी बनाई जाती थी. आज की पीढ़ी को इस तरह की पारंपरिक व्यंजनों की ओर आकर्षित करना जरूरी है. ऐसे व्यंजन हमारे इतिहास और संस्कृति को जिंदा रखने में मदद करते हैं.
Mandi,Himachal Pradesh
January 15, 2025, 19:46 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
[ad_2]
Source link