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Maize crop diseases : मक्के की खेती के प्रति किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. सहारनपुर के किसान भी इसे खूब पसंद कर रहे हैं. बंपर पैदावार और अच्छी कीमत किसानों को मालामाल कर रही है. मक्के की फसल पर बीमारियों…और पढ़ें

फॉल आर्मी वार्म का लार्वा (इल्ली) हरे, जैतून, हल्के गुलाबी या भूरे रंग का होता है. इसके शरीर पर चार काले धब्बे और पीठ के नीचे तीन धब्बे होते हैं. फॉल आर्मी वार्म का लार्वा मक्का के पत्तों, फल और तने को खाता है, जिससे फसल को गंभीर नुकसान होता है.

ये कीट मक्का के साथ अन्य फसलों जैसे धान, ज्वार, गन्ना और सब्जी की फसल को भी नुकसान पहुंचा सकता है. सहारनपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और प्रोफेसर डॉ. आईके कुशवाहा ने किसानों के लिए तीन ट्रिक बताई है जिसका इस्तेमाल कर किसान इस कीट से अपनी फसल को बचा सकते हैं.

Local 18 से बात करते हुए डॉ. कुशवाहा बताते हैं कि जैसे ही मक्के की फसल अंकुरित होती है ये कीट भुट्टे की गोभ में प्रवेश करके इसकी वृद्धि को प्रभावित करते हैं. इससे मक्का सड़ने लगता है. फस आर्मी वार्म कीट हल्की-फुल्की दवाइयों से खत्म नहीं होता.

कुछ किसानों ने तो इस कीट के कारण भुट्टे की खेती भी छोड़ दी है. डॉ. कुशवाहा के अनुसार, किसानों को अगर इस कीट से अपनी फसल बचानी है तो अपने खेतों में फेरोमेन ट्रैप का इस्तेमाल जरूर करें. जैसे ही फसल अंकुरित हो, 1 एकड़ में लगभग 6 फेरोमेन ट्रैप लगा दें.

जब भुट्टा की फसल 1 मीटर ऊंची हो जाए तो उसमें प्रति एकड़ के हिसाब से दो ट्राईको कार्ड का इस्तेमाल करें. ट्रीईको कार्ड से मित्र कीट निकालकर फस आर्मी वार्म कीट के अड्डों खत्म करता है. बीटी (Bt) एक जैविक मित्र कीटनाशक है, जिसकी 200ml मात्रा और 250 ग्राम गुड़ को 250 लीटर पानी में मिलाकर 1 एकड़ फसल में छिड़क दें. इससे फस आर्मी वार्म कीट पूरी तरह से खत्म हो जाता है.
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