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Agency:News18 Uttar Pradesh

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सुल्तानपुर की नसरीन बेगम ने आभूषण बनाने की कला में 15 वर्षों का अनुभव हासिल किया है और अब वह अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. उनके बनाए आभूषण सुल्तानपुर और आसपास के जिलों में बिकते हैं, साथ ही मुंबई और कोलकाता जैसे शह…और पढ़ें

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महाराष्ट्र, बैंगलोर और कलकत्ता तक जाती है नसरीन के हाथों से बनी ज्वैलरी

नसरीन बेगम.

हाइलाइट्स

  • नसरीन बेगम 15 वर्षों से आभूषण बना रही हैं.
  • उनके आभूषण सुल्तानपुर और आसपास के जिलों में बिकते हैं.
  • नसरीन के आभूषण मुंबई और कोलकाता तक जाते हैं.

सुल्तानपुर: अब महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं और लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही हैं. इन्हीं में एक है सुल्तानपुर की रहने वाली नसरीन बेगम, जिन्होंने अपने हुनर को पहचानते हुए आभूषण बनाने की कला सीखी और अब उससे अच्छी कमाई कर रही हैं. नसरीन द्वारा बनाए गए आभूषण सुल्तानपुर के साथ ही आसपास के जिलों में बिक्री के लिए भेजे जाते हैं. इतना ही नहीं नसरीन बेगम आभूषण बनाने के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाने का काम भी करती हैं.

15 वर्षों से बना रही हैं आभूषण
55 वर्षीय नसरीन बेगम ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वह पिछले 15 सालों से आभूषण बनाने का काम कर रही हैं. उन्होंने यह कला अपने परिवार से सीखी और उसमें दिन-प्रतिदिन नए-नए रचनात्मक कलाओं को जोड़ा, जिससे आभूषण और भी सुंदर बनते गए. यही वजह है कि उनके आभूषण ग्राहकों को काफी पसंद आते है. नसरीन के इस काम में उनके परिवार के अन्य लोग भी हाथ बटाते हैं.

यह आभूषण बनाती है नसरीन
नसरीन बेगम ने बताया कि वह कंगन, चूड़ी, कान के टॉप्स, पायल, बिछुआ, नथ, और अन्य आधुनिक आभूषण तैयार करती हैं. इस काम से उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है. बताया कि उनके द्वारा बनाए गए आभूषण सुल्तानपुर जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी सप्लाई होते हैं.

आभूषण के साथ जगा रही शिक्षा की अलख
नसरीन बेगम ने बताया कि उन्होंने उस समय अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी, जब महिलाएं घर और चूल्हे से बाहर नहीं निकल पाती थी. इसी की बदौलत आज नसरीन आभूषण बनाने के साथ-साथ निजी विद्यालय में शिक्षक के रूप में शिक्षा की अलख भी जगा रही हैं. नसरीन के द्वारा बनाए गए आभूषण अब मुंबई, कोलकाता और अन्य महानगरों में भी बिक्री के लिए भेजे जाते हैं.

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