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Agency:News18 Uttar Pradesh
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Pilibhit news today: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में देवहा नदी के तट पर गौरी शंकर मंदिर स्थित है. इस मंदिर का अपने आप में काफी पौराणिक महत्च है. महाशिवरात्रि पर…
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गौरीशंकर मंदिर गर्भगृह. (फाइल फोटो)
पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में देवहा नदी के तट पर गौरी शंकर मंदिर स्थित है. इस मंदिर का अपने आप में काफी पौराणिक महत्च है. महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. दरअसल पीलीभीत का गौरीशंकर मंदिर 500 साल से भी अधिक प्राचीन है. इस मंदिर में एक ही शिवलिंग में भगवान शिव और माता गौरी विराजमान हैं. यह शिवलिंग अर्धनारीश्वर स्वरूप में है. महंत पं. जयशंकर शर्मा बताते हैं कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग आज से करीब 500 साल पहले यहां रहने वाले बंजारों को मिला था. उस समय यह इलाका एक जंगल के रूप में था. बंजारों को खेती के दौरान एक शिवलिंग मिला. जिसके बाद उसी स्थान पर शिवलिंग स्थापित कर मंदिर बना दिया गया.
पंडित जयशंकर शर्मा ने महाशिवरात्रि के विशेष आयोजनों पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि 24 फरवरी से यहां विशेष आयोजन शुरू हो जाएंगे. सबसे पहले 24 फरवरी को प्राचीन यशवंतरी देवी मंदिर से लग्न पत्रिका आएगी और बाबा गौरीशंकर मंदिर में हल्दी की रस्म निभाई जाएगी. 25 फरवरी को मेहंदी की रस्म पूरी की जानी है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर के गर्भगृह के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. रात भर शिवलिंग का महारुद्राभिषेक किया जाएगा.
रूहेला सरदार ने बनाया है मंदिर का भव्य द्वार
हाफिज़ रहमत खां ने लगभग 18वीं शताब्दी में बंजारों से जंग जीत कर पीलीभीत शहर बसाया. जिसके बाद दिल्ली की जामा मस्जिद की तर्ज पर जामा मस्जिद बनाई गई. उसी दौरान रुहेला सरदार ने जनता की आस्था को देखते हुए मंदिर के भव्य द्वार का निर्माण कराया था. यह भव्यद्वार आज भी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है.
ऐसे पहुंचें गौरीशंकर मंदिर
अगर आप पिथौरागढ़, टनकपुर या खटीमा से आ रहे हैं तो आप नकटादाना चौराहे से खकरा चौकी होते हुए मंदिर जा सकते हैं. शाहजहांपुर, बरेली, लखीमपुर से आने वाले लोग नौगवां चौराहे से बाजार के रास्ते गौरीशंकर मंदिर पहुंच सकते हैं.
Pilibhit,Uttar Pradesh
February 23, 2025, 23:42 IST
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