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Moradabad: मुरादाबाद की माधुरी देवी फुटबॉल की फील्ड में यूपी की पहली महिला रेफरी हैं. जीवन में हुए एक हादसे ने उन्हें पीछे ढकेलने की कोशिश की पर उन्होंने हार नहीं मानी और रेफरी बनीं.

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महिलाओं के लिए मिसाल हैं माधुरी…कठिनाइयों के आगे नहीं टेके घुटने, बनीं यूपी की पहली महिला रेफरी

मुरादाबाद की है यूपी की पहली महिला रेफरी।

हाइलाइट्स

  • माधुरी देवी यूपी की पहली महिला रेफरी हैं.
  • माधुरी ने दो नेशनल और दो इंटर यूनिवर्सिटी खेली हैं.
  • माधुरी लड़कियों को फुटबॉल में ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना रही हैं.

मुरादाबाद/पीयूष शर्मा: मुरादाबाद की माधुरी देवी फुटबॉल के क्षेत्र की यूपी की पहली महिला रेफरी हैं. दो नेशनल खेल चुकी हैं. दो इंटर यूनिवर्सिटी खेल चुकी हैं. इसके अलावा कई और जगह पर हिस्सा लेकर ढेरों मेडल हासिल किए हैं. कुछ समय पहले उनके साथ एक घटना हो गई थी, जिसकी वजह से उनके अंदर का खिलाड़ी मर गया था. लेकिन फिर उन्होंने खुद को दोबारा तैयार किया और अब वह लड़कियों को ट्रेनिंग देकर इसी फील्ड में आगे बढ़ा रही हैं. इसके साथ ही बहुत सी ऐसी लड़कियां भी हैं, जिनकी खेल कोटे से सरकारी नौकरी लग गई है और वे इस फील्ड में आत्मनिर्भर बन गई हैं.

इस घटना से रह गई थी पीछे
माधुरी देवी कहती हैं कि ‘मैं यूपी की पहली महिला रेफरी हूं, दो नेशनल खेल चुकी हूं. दो इंटर यूनिवर्सिटी मैंने खेली हैं. इसके साथ ही मेरा तीसरा नेशनल नहीं हो पाया था. मेरे साथ एक ऐसा हादसा हो गया था, जिसकी वजह से मेरे अंदर का खिलाड़ी ही मर गया था. फिर मुझे मेरी बैकबोन रहे मेरे सपोर्टर ने सहारा दिया और कहा कि तुम अपना क्षेत्र मत बदलो, तुम रेफरी का एग्जाम दो. जब मैं एग्जाम देने गई, तो वहां सभी युवा थे, एक भी महिला नहीं थी. उसके बाद मैं एग्जाम में पास हो गई और मेरे सपोर्टर ने कहा कि आप यूपी की पहली महिला रेफरी बन गई हैं.’

रेफरी बनने के बाद लिया प्रण
फिर मैंने प्रण लिया कि जो परेशानी मेरे साथ हुई थी, वह और बच्चों के साथ न हो, जिससे वे पीछे रह जाएं. फिर मैंने बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना शुरू किया और बच्चों को फुटबॉल के क्षेत्र में तरह-तरह के टिप्स देकर आगे बढ़ाया. बच्चों को फाइनेंस की दिक्कत से लेकर हर समस्या तक का हल मैं और नासिर सर मिलकर कराते थे. नासिर सर की वजह से ही मैं रेफरी बनी थी. नासिर सर बच्चों से बहुत प्यार करते हैं. उन्होंने कहा कि अब तक मेरे बीच से बहुत से बच्चे कामयाब हो गए हैं, जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं या खुद रेफरी बन गए हैं या किसी और काम को कर आत्मनिर्भर बन गए हैं.

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महिलाओं के लिए मिसाल हैं माधुरी…ऐसे बनीं यूपी की पहली महिला रेफरी

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