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गोवा मेडिकल कॉलेज के फ्री IVF सेंटर में पहली बार एक महिला ने ट्रिप्लेट्स को जन्म दिया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि मां और बच्चे स्वस्थ हैं. आखिर आईवीएफ ट्रीटमेंट क्या है और किसे इसकी …और पढ़ें

आईवीएफ के जरिए निसंतान दंपति भी संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं.
हाइलाइट्स
- गोवा मेडिकल कॉलेज में महिला ने IVF से 3 बच्चों को जन्म दिया है.
- सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी हुई, लेकिन मां और बच्चे स्वस्थ हैं.
- गोवा का फ्री IVF सेंटर निसंतान दंपतियों के लिए वरदान बन रहा है.
All About IVF: आज के जमाने में टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चे भी पैदा किया जा रहे हैं. गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) का फ्री IVF सेंटर इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल इस सेंटर में एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया है. गोवा के फ्री आईवीएफ सेंटर में पहली बार किसी महिला ने ट्रिप्लेट को जन्म दिया है. गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने यह जानकारी दी और बताया कि महिला ने दो बेटियों और एक बेटे को जन्म दिया है. महिला की कंडीशन काफी जटिल थी, लेकिन डॉक्टर्स की टीम ने सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी करवाई. फिलहाल मां और तीनों नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं.
गोवा मेडिकल कॉलेज का यह सेंटर देश का पहला ऐसे IVF सेंटर है, जहां निसंतान दंपतियों को फ्री IVF ट्रीटमेंट दिया जाता है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस IVF सुविधा की शुरुआत उन कपल्स के लिए की गई थी, जो पैसों की कमी के कारण IVF ट्रीटमेंट नहीं करा पाते थे. दरअसल आईवीएफ एक महंगा ट्रीटमेंट है और कई प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी को देखते हुए दिसंबर 2023 में GMC के इस सेंटर की शुरुआत की गई थी और पहली बार इस सेंटर में एक स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ था.
अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि IVF क्या टेक्नोलॉजी है और इससे किस तरह बच्चे पैदा किए जाते हैं? नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट और IVF स्पेशलिस्ट डॉ. सोनाली गुप्ता ने बताया कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन को IVF कहा जाता है. यह एक एडवांस रिप्रोडक्टिव तकनीक है. इस प्रक्रिया में महिला के शरीर से अंडाणु निकाले जाते हैं और उन्हें शुक्राणु के साथ मिलाकर लैब में भ्रूण (Embryo) तैयार किया जाता है. यह भ्रूण महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है. यह प्रक्रिया उन लोगें के लिए वरदान है, जो नेचुरली संतान पैदा नहीं कर पा रहे हैं.
IVF का फायदा ऐसे दंपत्तियों को होता है, जो कई सालों से संतान पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गर्भधारण नहीं हो पा रहा है. इसमें वे महिलाएं शामिल होती हैं, जिनकी फॉलोपियन ट्यूब बंद हो चुकी हो, पीसीओएस (PCOS) या एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याएं हो, या पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में कमी हो. इसके अलावा कई बार उम्र अधिक होने पर या अन्य मेडिकल कारणों से भी IVF की जरूरत पड़ सकती है. आईवीएफ ट्रीटमेंट काफी सफल प्रक्रिया होती है और हर साल लाखों लोग इस तकनीक के जरिए संतान सुख प्राप्त कर रहे हैं. लगातार IVF की जरूरत बढ़ रही है.

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
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