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Crime News: जदवपुर से पढ़े इंजीनियर हमायूं कबीर ने तलाक और नौकरी जाने के बाद कट्टर सोच अपना ली. माता-पिता की हत्या कर बांग्लादेश भागने की कोशिश की. पुलिस को उसके जेहादी लिंक और मानसिक स्थिति की जांच करनी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

  • जदवपुर का इंजीनियर तलाक और नौकरी जाने के बाद कट्टर बना.
  • माता-पिता ने रोका तो गुस्से में दोनों की हत्या कर दी.
  • बांग्लादेश भागने की फिराक में था, पुलिस ने किया गिरफ्तार किया.

हमायूं कबीर, जिसने 2012 में जदवपुर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, अब एक खतरनाक कट्टरपंथी के रूप में सामने आया है. कभी नोएडा में नौकरी करने वाला ये युवक, अब बांग्लादेश भागने की तैयारी में था. पुलिस जांच में सामने आया है कि वह लैपटॉप और मोबाइल पर लगातार जेहादी कंटेंट देखता था. पांच महीने पहले उसकी नौकरी चली गई और एक साल पहले उसका तलाक भी हो गया था. इसके बाद उसका मानसिक संतुलन भी डगमगाने लगा.

माता-पिता को थी चिंता, लेकिन नहीं माने
हमायूं कबीर का परिवार बंगाल के मेमारी में रहता था. हत्या से एक दिन पहले ही उसके माता-पिता ने उसकी बहन तमन्ना रहमान से कहा था कि वो भाई को समझाए. तमन्ना हावड़ा की एक स्कूल टीचर हैं. माता-पिता ने पड़ोसियों से भी मदद मांगी थी कि कोई कबीर की सोच बदलने की कोशिश करे, लेकिन किसी की नहीं चली.

कट्टर सोच का असर शादी पर भी पड़ा
पड़ोसियों के मुताबिक, कबीर की शादी एक भूगोल विषय की पोस्टग्रेजुएट लड़की से हुई थी. लेकिन कबीर की कट्टर धार्मिक सोच उसकी पत्नी को मंजूर नहीं थी. पत्नी के मां-बाप दुबई में काम करते हैं. शादी एक साल भी नहीं चली और तलाक हो गया. इस झटके ने कबीर को और भी जिद्दी और गुस्सैल बना दिया. काम पर इसका असर पड़ा और आखिरकार नौकरी भी चली गई.

हत्याएं, हमला और बांग्लादेश भागने की तैयारी
बुधवार को कबीर ने अपने बुजुर्ग माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी और फिर बोंगांव के एक अनाथालय में चार टीचरों पर हमला कर दिया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और तीन दिन की हिरासत में लिया गया है. पुलिस को शक है कि उसके विदेशी कट्टरपंथी संगठनों से संपर्क हो सकते हैं. विशेष लोक अभियोजक समीर दास ने अदालत में बताया कि पुलिस को कबीर की सोच और लिंक की गहराई से जांच करनी है.

जन्नत जाने की बात करता था, मां-बाप को गलत ठहराया
पुलिस को कबीर ने कहा कि वो “जन्नत” जाना चाहता है. उसने ये भी कहा कि उसके माता-पिता गरीबों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे, जो उसके मुताबिक इस्लाम के खिलाफ था. लेकिन पुलिस का मानना है कि असली वजह यह थी कि उसके माता-पिता उसे बार-बार समझाने की कोशिश करते थे और वो इसे सह नहीं पा रहा था.

बॉर्डर के पास अनाथालय को बनाया निशाना
कबीर ने जिस अनाथालय पर हमला किया, वो बांग्लादेश बॉर्डर से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है. पुलिस का मानना है कि उसने इस जगह को इसलिए चुना ताकि हमला करने के बाद बॉर्डर पार कर सके. बोंगांव स्टेशन पर उतरने के बाद उसने लोगों से सीमा तक पहुंचने का रास्ता भी पूछा था.

ऑनलाइन खरीदा था हत्या का हथियार
पुलिस जांच में पता चला कि कबीर ने जो चाकू इस्तेमाल किया, उसे उसने एक ई-कॉमर्स वेबसाइट से खरीदा था. मंगलवार को स्थानीय लोगों ने उसे उस चाकू के साथ इलाके में घूमते देखा भी था. ईस्ट बर्दवान के एसपी सायक दास ने कहा कि पूछताछ के बाद ही सब कुछ साफ हो पाएगा. पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है.

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