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Maa Vindhyavasini Dham: यूपी के मिर्जापुर स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. ऐसे में नवरात्रि में देश के कोने-कोने से भक्त मां का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में आज ह…और पढ़ें

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मां विंध्यवासिनी धाम आने की है तैयारी तो पढ़ें यह खबर,दर्शन में नहीं रहेगी भीड़

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हाइलाइट्स

  • विंध्यवासिनी धाम में नवरात्रि पर भक्तों की भीड़ रहती है.
  • बाबतपुर एयरपोर्ट से 74 किमी दूर है विंध्याचल.
  • विंध्याचल स्टेशन पर सभी ट्रेनों का ठहराव होगा.

मिर्जापुर: नवरात्रि में अगर आप भी मां विंध्यवासिनी धाम आने का प्लान बना रहे हैं, तो यह खबर जरुर पढ़ लें. आप बिना परेशान हुए आसानी से दर्शन के साथ ही त्रिकोण यात्रा कर सकेंगे. मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में स्थित मां विंध्यवासिनी को आदिशक्ति कहा जाता है. नवरात्रि में देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. अगर आप भी नवरात्रि में सड़क, रेल या हवाई मार्ग से विंध्याचल आना चाह रहे हैं, तो यह खबर जरुर पढ़ लें. इससे बिना परेशान हुए आप आसानी से दर्शन कर सकते हैं.

ऐसे में अगर हवाई जहाज के माध्यम से भक्त मां विंध्यवासिनी धाम आना चाह रहे हैं, तो विंध्याचल से 74 किलोमीटर दूर बाबतपुर एयरपोर्ट पर आ सकते हैं. बाबतपुर से सीधे भक्त विंध्याचल आ सकते हैं. बिना परेशान हुए कुछ ही घंटों में दर्शन करके भक्त पुनः एयरपोर्ट से वापस जा सकते हैं. बाबतपुर एयरपोर्ट पर कई देशों और हर राज्यों से हवाई जहाज पहुंचती है. अगर भक्त बाबतपुर नहीं आ पा रहे हैं, तो बमरौली एयरपोर्ट पर आ सकते हैं. प्रयागराज बमरौली एयरपोर्ट से मां विंध्यवासिनी धाम की दूरी 94 किलोमीटर दूर है.

ये हैं रेल से आने का सुगम रास्ता

अगर आप रेल मार्ग से आना चाह रहे हैं, तो अपने गंतव्य से विंध्याचल के लिए टिकट बुक कर सकते हैं. नवरात्रि में विंध्याचल स्टेशन पर सभी ट्रेनों का दो मिनट के लिए ठहराव होगा. गुवाहाटी, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल और असम के भक्त ट्रेन से बेहद आसानी से मां के धाम तक पहुंच सकते हैं. रेलवे स्टेशन से महज 300 मीटर की दूरी पर मां विन्ध्यवासिनी का दिव्य मंदिर है. दर्शन करके पुनः भक्त यहीं से गंतव्य को जा सकते हैं.

सड़क मार्ग से आ सकते हैं श्रद्धालु

अगर आप सड़क मार्ग से आना चाह रहे हैं, तो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की ओर से आने वाले श्रद्धालु रीवा-वाराणसी मार्ग से आ सकते हैं. समोगरा के पास से विंध्याचल की तरफ जा सकते हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ की तरफ से आने वाले भक्त सोनभद्र-मिर्जापुर मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं. बिना जाम में फंसे कुछ ही घंटों में पहुंच जाएंगे. बिहार और झारखंड से जो भक्त आना चाह रहे हैं. वह आसानी से वाराणसी-प्रयागराज मार्ग से औराई से सीधे विंध्याचल आ सकते हैं.

न भूलें त्रिकोण दर्शन

मां के धाम में आने वाले भक्त बेहद आसानी से निःशुल्क कार्ट या निजी वाहन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर में दर्शन कर सकते हैं. दोनों मंदिर का विशेष महत्व है. मां के धाम को मिलाकर त्रिकोण बनता है. त्रिकोण दर्शन से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

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मां विंध्यवासिनी धाम आने की है तैयारी तो पढ़ें यह खबर,दर्शन में नहीं रहेगी भीड़

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