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चंदौली: खेतों की पगडंडी पर दौड़ते-दौड़ते कोई बड़ा खिलाड़ी बन जाता है, ये शायद फिल्मों में होता होगा, लेकिन एक खिलाड़ी की कहानी बिल्कुल ऐसी ही है जो फिल्म देख करके बॉक्सिंग का खिलाड़ी बन गया. हम बात कर रहे हैं खिलाड़ी मोहम्मद राहिल इमाम की, जो एक बॉक्सिंग खिलाड़ी हैं और अब तक जिला एवं राज्य स्तर के कई खेलों में भाग ले चुके हैं.
राज्य स्तरीय खेलों तक मिली पहचान
लोकल 18 की टीम से हुई बातचीत में राहिल ने बताया कि माइक टायसन की फिल्म को देखकर और कहानी सुनकर खेल के प्रति मन में भावना जागी और तभी से इसे खेलना शुरू किया. उन्होंने बताया कि अभी तक कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, जिसमें इस खेल के कोच नंद बॉक्सिंग अकादमी के कुमार नंद सर हैं, जिनके सानिध्य में रहकर खेल की महारत हासिल करने में काफी सहयोग मिल रहा है. यह काफी संवेदनशील शिक्षक हैं, जो हर तरह का सहयोग करते हैं.
अच्छे प्रशिक्षक के सानिध्य में रहना जरूरी
राहिल ने बताया कि उनके कोच बॉक्सिंग के अलावा शूटिंग बॉल एवं कई अन्य खेलों के प्रति भी जागरुक करते हैं. साथ ही अनेक दाव पेंच की जानकारियां देते हैं. जिनके बदौलत वह इस खेल में रुचि ले रहे हैं. अगर कोई व्यक्ति खेल के प्रति भावना रखता है, तो उसे खेलने के साथ एक अच्छे प्रशिक्षक के सानिध्य में रहना जरूरी है.
अमेरिकी बॉक्सर हैं माइक टायसन
बता दें कि माइकल जेरार्ड टायसन एक अमेरिकी बॉक्सर हैं, वे हेवीवेट चैंपियन थे और आज भी सबसे कम उम्र के WBC, WBA और IBF विश्व हेवीवेट ख़िताब विजेता बने हुए हैं. उन्होंने WBC ख़िताब सिर्फ 20 साल 4 महीने और 22 दिन की उम्र में जीता, जब उन्होंने दूसरे दौर में एक TKO द्वारा ट्रेवर बर्बिक को हराया. अपने सम्पूर्ण करिअर के दौरान, टायसन अपने उग्र और भयाक्रांत कर देने वाली मुक्केबाजी शैली के लिए और साथ ही साथ रिंग के अंदर और बाहर अपने विवादास्पद व्यवहार के लिए विख्यात थे.
FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 17:59 IST
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