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UP Politics: मायावती 18 साल बाद लखनऊ में बसपा की महासंकल्प रैली कर रही हैं, जिसमें 5 लाख समर्थकों की उम्मीद है. यह रैली कांशीराम की पुण्यतिथि पर हो रही है. मायावती अपनी पार्टी की ताकत और संगठनात्मक क्षमता दिखाने के साथ विपक्ष को सियासी संदेश देंगी.

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मायावती की सियासी हुंकार! 18 साल बाद लखनऊ में बसपा की महासंकल्प रैलीUP Politics; 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा की विशाल रैली
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सियासत में जोरदार वापसी की तैयारी में हैं. नौ अक्टूबर को लखनऊ में होने वाली ‘महासंकल्प’ रैली के जरिए मायावती अपनी सियासी ताकत का प्रदर्शन करने जा रही हैं. यह रैली कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित की जा रही है, जिसमें पांच लाख से अधिक समर्थकों के जुटने की उम्मीद है.
लखनऊ के ‘मान्यवर श्रीकांशीराम स्मारक स्थल’ पर होने वाली इस ‘महासंकल्प रैली’ के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. शहर भर में ‘आई लव बीएसपी’ के होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं, जो बसपा के उत्साह को दर्शा रहे हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के कोने-कोने से बसपा कार्यकर्ता और समर्थक बसों, ट्रेनों और निजी वाहनों के जरिए आठ अक्टूबर को लखनऊ पहुंचना शुरू करेंगे. रमाबाई रैली स्थल पर समर्थकों के ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है.

18 साल बाद विशाल रैली

यह रैली इसलिए भी खास है क्योंकि 18 साल पहले, साल 2007 में, बसपा ने इसी स्थान पर एक विशाल रैली का आयोजन किया था, जिसने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी थी. इस बार भी मायावती इस रैली के जरिए अपनी पार्टी की ताकत और संगठनात्मक क्षमता को प्रदर्शित करने की योजना बना रही हैं. रैली में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के बसपा प्रदेश अध्यक्ष भी शिरकत करेंगे, जिससे इस आयोजन का महत्व और बढ़ गया है.

कांशीराम को श्रद्धांजलि और सियासी संदेश

यह रैली कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित की जा रही है, जिसमें बसपा संस्थापक को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ पार्टी का भविष्य का रोडमैप भी प्रस्तुत किया जाएगा. मायावती इस मंच से न केवल अपनी पार्टी के समर्थकों को एकजुट करने का प्रयास करेंगी, बल्कि विपक्षी दलों को भी कड़ा सियासी संदेश देंगी.

बसपा की सियासी रणनीति

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रैली बसपा के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव हो सकती है. हाल के वर्षों में पार्टी का प्रभाव कुछ कम हुआ है, लेकिन इस रैली के जरिए मायावती अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश करेंगी. रैली में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्गों को एकजुट करने का संदेश भी दिया जाएगा. लखनऊ में नौ अक्टूबर को होने वाली यह रैली न केवल बसपा की ताकत का प्रदर्शन होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया अध्याय शुरू करने का संकेत भी दे सकती है. सभी की निगाहें अब मायावती के भाषण और उनके सियासी संदेश पर टिकी हैं.

Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाता

अमित तिवारी, News18 Hindi के डिजिटल विंग में प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट हैं. वर्तमान में अमित उत्तर प्रदेश की राजनीति, सामाजिक मुद्दों, ब्यूरोक्रेसी, क्राइम, ब्रेकिंग न्यूज और रिसर्च बेस्ड कवरेज कर रहे हैं. अख़बार…और पढ़ें

अमित तिवारी, News18 Hindi के डिजिटल विंग में प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट हैं. वर्तमान में अमित उत्तर प्रदेश की राजनीति, सामाजिक मुद्दों, ब्यूरोक्रेसी, क्राइम, ब्रेकिंग न्यूज और रिसर्च बेस्ड कवरेज कर रहे हैं. अख़बार… और पढ़ें

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मायावती की सियासी हुंकार! 18 साल बाद लखनऊ में बसपा की महासंकल्प रैली

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