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Laxmi Dining Hall Mumbai: मुंबई का लक्ष्मी डाइनिंग हॉल 40 साल से गुजराती और राजस्थानी थाली के लिए प्रसिद्ध है. यहां 18 आइटम्स वाली थाली ₹170-₹200 में अनलिमिटेड मिलती है. ग्राहक घर जैसा सुकून महसूस करते हैं.

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मुंबई में स्वाद का 40 साल पुराना ठिकाना! जहां 200 रुपये में एक, दो नहीं…

इस भोजनालय में एक थाली में मिलते है 18 प्रकार के आइटम.

हाइलाइट्स

  • मुंबई का लक्ष्मी डाइनिंग हॉल 40 साल से प्रसिद्ध है.
  • यहां 18 आइटम्स वाली थाली ₹170-₹200 में मिलती है.
  • गुजराती और राजस्थानी भोजन के लिए मशहूर है.

मुंबई: मुंबई भारत का सबसे बड़ा और व्यस्ततम शहर है, जहां देश के हर कोने से लोग नौकरी, पढ़ाई और व्यवसाय के लिए आते हैं. यह शहर न केवल अपने सपनों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां का खाना भी देश-विदेश के लोगों को काफी पसंद आता है. मुंबई की गलियां देश भर के पारंपरिक स्वादों से भरी पड़ी हैं, लेकिन जब बात रोज खाने वाले ‘घर जैसे खाने’ की होती है, तो गुजराती और राजस्थानी थाली का नाम सबसे पहले आता है.
यह थाली न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि खाने वालों को घर के खाने जैसा सुकून भी देती है. मुंबई में कई ऐसे भोजनालय हैं, जहां पारंपरिक गुजराती भोजन का लुत्फ उठाया जा सकता है. इन्हीं में से एक है लक्ष्मी डाइनिंग हॉल (Laxmi Dining Hall Mumbai), जो स्टेशन के ठीक सामने स्थित है. दूर-दराज से मुंबई आने वाले लोग यहां पहुंचकर पेट भर स्वादिष्ट खाना खा सकते हैं.

गुजराती थाली में मिलते हैं 18 आइटम्स
गुजराती भोजन पूरे देश में अपने खास स्वाद और मीठेपन के लिए जाना जाता है. खास बात यह है कि गुजराती दाल और कढ़ी में गुड़ मिलाया जाता है, जिससे यह स्वाद में बेहद अनोखा हो जाता है. लक्ष्मी डाइनिंग हॉल में मिलने वाली गुजराती थाली में कुल 18 प्रकार के आइटम शामिल होते हैं – जैसे रोटी, दो सब्ज़ी, दाल, कढ़ी, खिचड़ी, पापड़, भजिए, मिठाई, चटनी और बहुत कुछ.
यह भोजनालय दोपहर और रात – दोनों समय खुला रहता है. यहां व्यवस्था इस प्रकार है कि दोनों तरफ लोग बैठते हैं और बीच में सर्व करने वाले कर्मचारी बारी-बारी से हर टेबल तक भोजन पहुंचाते हैं. थाली की कीमत ₹170 से ₹200 के बीच है और यह एक व्यक्ति के लिए अनलिमिटेड होती है – यानी जितना चाहे उतना खा सकते हैं.

40 साल से चला आ रहा है स्वाद का यह सफर
भोजनालय के मालिक ने Local 18 से बातचीत में बताया कि इस जगह की शुरुआत उनके पिताजी ने लगभग 40 साल पहले की थी. तब से लेकर आज तक हजारों ग्राहक यहां खाना खा चुके हैं. यहां गुजराती और राजस्थानी – दोनों तरह के खाने मिलते हैं, लेकिन लोगों को गुजराती खाना अधिक पसंद आता है.
मुंबई जैसे महानगर में वड़ा पाव और समोसे जैसे स्ट्रीट फूड हर दिन नहीं खाए जा सकते. ऐसे में जो लोग अपने घर से दूर नौकरी या काम के लिए मुंबई आए हैं, उनके लिए यह भोजनालय किसी घर के भोजन जैसा है. स्वाद के साथ-साथ यहां मिलने वाली संतुष्टि भी खास होती है.
यहां आने वाले अधिकतर ग्राहक 40 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं, जो भरपेट, सादगी से बना हुआ और स्वादिष्ट खाना पसंद करते हैं.

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मुंबई में स्वाद का 40 साल पुराना ठिकाना! जहां 200 रुपये में एक, दो नहीं…

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