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मसूड़ों की बीमारी और सिरदर्द के संकेत समझें
पीरियडोंटाइटिस को आमतौर पर मसूड़ों की बीमारी कहा जाता है. यह एक गंभीर संक्रमण है जो मसूड़ों और दांतों के आसपास के सॉफ्ट टिशू को नुकसान पहुंचाता है. अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह दांतों को सहारा देने वाली हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे दांत हिलने लगते हैं या गिर भी सकते हैं. यह एक आम समस्या है लेकिन इसे अच्छी ओरल हाइजीन से रोका जा सकता है. इसका मुख्य कारण है खराब डेंटल हाइजीन. स्वस्थ मसूड़े आमतौर पर सख्त होते हैं और दांतों के आसपास अच्छी तरह फिट होते हैं. रंग व्यक्ति के अनुसार हल्का गुलाबी, गहरा गुलाबी या भूरा भी हो सकता है.
अग लाल, सूजे हुए, खून बहने वाले या संवेदनशील मसूड़े है, लगातार मुंह से बदबू या मसूड़े पीछे हट रहे हैं, या दांतों में बहुत सेंसिटिविटी है, हिल रहे हैं, जबड़े में दर्द है, क्लिकिंग साउंड या सिर/गर्दन में तनाव है, बार-बार थकान महसूस हो रहा है या साइनस प्रेशर है तो मसूड़ों में दिक्कत के संकेत हैं.
मसूड़ों की बीमारी और सिरदर्द के बीच संबंध
2. ट्राइजेमिनल नस का संबंध- यह नस दांतों और मसूड़ों से संवेदनाएं लेकर दिमाग तक पहुंचाती है. मसूड़ों में सूजन या संक्रमण के कारण इस नस की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे टेंशन हैडेक या माइग्रेन हो सकते हैं.
4. दांत पीसना- मसूड़ों की पुरानी समस्याएं अनजाने में दांत भींचने या पीसने की आदत पैदा कर देती हैं, जिससे जबड़े की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है और सिरदर्द हो सकता है.
इस बीमारी से कैसे बचें
इस बीमारी से बचने के लिए दांतों और मसूड़ों की ठीक से देखभाल करना जरूरी है. इसके लिए रोज दो बार ब्रश करना, फ्लॉस करना और नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास जाना बचाव का तरीका है. इसके साथ ही तनाव को सही तरीके से मैनेज करके स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. रोज़ाना पर्याप्त और अच्छी नींद लें. दिनभर पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं. पौष्टिक और संतुलित आहार लें.
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