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Gum Disease can cause headaches: राजू नाम का एक व्यक्ति हमेशा मसूड़ों में किसी न किसी दिक्कत से परेशान रहता था. कभी कुछ दवा ले लेता था तो कुछ महीने ठीक रहता था फिर से वही कहानी शुरू हो जाती है. इससे दांत पीले पड़ने लगे और दांतों में ताकत भी कम होने लगी. इसी बीच वह हमेशा सिर दर्द से परेशान रहने लगा. उसके लिए भी वह हमेशा दर्द की दवा खा लेता था लेकिन बीमारी ठीक नहीं होती थी. आखिर में जब वह डॉक्टर के पास गया तो पता चला कि उसे मसूड़े में इंफेक्शन है, इसलिए वह हमेशा सिर दर्द से परेशान रहता है. मतलब कि यदि आप अपने दांतों और मसूड़ों का ख्याल नहीं रखेंगे तो इससे सिर दर्द हमेशा के लिए रहने लगेगा. मसूड़ों की बीमारी, जिसे पीरियडोंटल डिजीज (Periodontal Disease) कहते हैं, एक गंभीर संक्रमण होता है जो केवल मुंह तक ही सीमित नहीं रहता. यह संक्रमण और सूजन नसों पर दबाव डाल सकती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है. साथ ही, जबड़े में दर्द या गर्दन व सिर में जकड़न भी महसूस हो सकती है.

मसूड़ों की बीमारी और सिरदर्द के संकेत समझें
पीरियडोंटाइटिस को आमतौर पर मसूड़ों की बीमारी कहा जाता है. यह एक गंभीर संक्रमण है जो मसूड़ों और दांतों के आसपास के सॉफ्ट टिशू को नुकसान पहुंचाता है. अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह दांतों को सहारा देने वाली हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे दांत हिलने लगते हैं या गिर भी सकते हैं. यह एक आम समस्या है लेकिन इसे अच्छी ओरल हाइजीन से रोका जा सकता है. इसका मुख्य कारण है खराब डेंटल हाइजीन. स्वस्थ मसूड़े आमतौर पर सख्त होते हैं और दांतों के आसपास अच्छी तरह फिट होते हैं. रंग व्यक्ति के अनुसार हल्का गुलाबी, गहरा गुलाबी या भूरा भी हो सकता है.

मसूड़ों की बीमारी के लक्षण 
अग लाल, सूजे हुए, खून बहने वाले या संवेदनशील मसूड़े है, लगातार मुंह से बदबू या मसूड़े पीछे हट रहे हैं, या दांतों में बहुत सेंसिटिविटी है, हिल रहे हैं, जबड़े में दर्द है, क्लिकिंग साउंड या सिर/गर्दन में तनाव है, बार-बार थकान महसूस हो रहा है या साइनस प्रेशर है तो मसूड़ों में दिक्कत के संकेत हैं.

मसूड़ों की बीमारी और सिरदर्द के बीच संबंध

1. पुरानी सूजन– मसूड़ों में संक्रमण और सूजन होने पर ये बैक्टीरिया और सूजन पैदा करने वाले तत्व खून में मिल जाते हैं. इससे पूरे शरीर में सूजन फैल सकती है, जिससे सिर और गर्दन की नसें प्रभावित होती हैं और सिरदर्द हो सकता है.

2. ट्राइजेमिनल नस का संबंध- यह नस दांतों और मसूड़ों से संवेदनाएं लेकर दिमाग तक पहुंचाती है. मसूड़ों में सूजन या संक्रमण के कारण इस नस की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे टेंशन हैडेक या माइग्रेन हो सकते हैं.

3. जबड़े की मांसपेशियों में खिंचाव और TMJ समस्या- गंभीर मसूड़ों की बीमारी आपके बाइट पैटर्न को बिगाड़ सकती है, जिससे जबड़े में अस्थिरता आती है. इससे जबड़े की मांसपेशियों में खिंचाव, TMJ (टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट) की समस्या और सिरदर्द हो सकते हैं.

4. दांत पीसना- मसूड़ों की पुरानी समस्याएं अनजाने में दांत भींचने या पीसने की आदत पैदा कर देती हैं, जिससे जबड़े की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है और सिरदर्द हो सकता है.

5. संक्रमण का फैलाव – गंभीर डेंटल इंफेक्शन, जैसे पीरियडोंटल एब्सेस, से सिर में दर्द फैल सकता है. बैक्टीरिया के टॉक्सिन्स मुंह से बाहर शरीर में फैल सकते हैं, जिससे सिरदर्द और साइनस में दर्द होने का खतरा बढ़ जाता है.

इस बीमारी से कैसे बचें
इस बीमारी से बचने के लिए दांतों और मसूड़ों की ठीक से देखभाल करना जरूरी है. इसके लिए रोज दो बार ब्रश करना, फ्लॉस करना और नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास जाना बचाव का तरीका है. इसके साथ ही तनाव को सही तरीके से मैनेज करके स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. रोज़ाना पर्याप्त और अच्छी नींद लें. दिनभर पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं. पौष्टिक और संतुलित आहार लें.

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