[ad_1]
Last Updated:
हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में नॉर्थ पवेलियन स्टैंड से मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम हटाने का फैसला सुनाया है.एचसीए के एथिक्स ऑफिसर और लोकपाल जस्टिस वी.ईश्वरैया ने ये फरमान जारी किया है. इ…और पढ़ें

मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि वो इस मामले को लेकर कोर्ट में जाएंगे.
हाइलाइट्स
- मोहम्मद अजहरुद्दीन का चढ़ा पारा
- अदालत का दरवाजा खटखटाने की कही बात
- स्टेडियम के स्टैंड से उनके नाम को हटाया जाएगा
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन इस समय बहुत गुस्से में हैं. अजहर का कहना है कि वो अब अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज का कहना है कि उन्होंने 17 साल क्रिकेट खेला है और लगभग 10 साल तक गौरव के साथ टीम इंडिया की कप्तानी की है. हैदराबाद में क्रिकेटरों के साथ ऐसा व्यवहार होता है? अजहरुद्दीन इस बात पर गुस्सा हैं कि उनका नाम अब स्टेडियम के स्टैंड से हटाया जाएगा. हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के एथिक्स ऑफिसर और लोकपाल जस्टिस वी. ईश्वरैया ने ये आदेश जारी किया है. यह फैसला लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब के दायर याचिका पर आया, जिसमें अजहरुद्दीन पर हितों के टकराव का आरोप लगाया गया था. साल 2019 में नॉर्थ स्टैंड का नाम वीवीएस लक्ष्मण पवेलियन से बदलकर अजहरुद्दीन स्टैंड कर दिया गया था.
लोकपाल ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) को ये आदेश दिया है.एचसीए को यह भी निर्देश दिया गया है कि अब से मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammed Azharuddin) के नाम पर कोई भी टिकट जारी न किया जाए. द हिंदू से बातचीत में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसमें कोई हितों का टकराव है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने कहा कि इस मामले में वह कोई कमेंट नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा कि मैं स्तर तक नहीं गिरना चाहता. क्योंकि क्रिकेट वर्ल्ड एचसीए पर हंसेगा.
बकौल अजहरुद्दीन, ‘मैंने 17 साल तक क्रिकेट खेला. करीब 10 साल टीम इंडिया की कप्तानी की और वो भी पूरे सम्मान के साथ. हैदराबाद में क्रिकेटर्स के ऐसा ऐसा बर्ताव होता है? यह बहुत दयनीय स्थिति है. हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. कानून अपना काम करेगा.’
यह मामला 2019 का है. जब मोहम्मद अजहरुद्दीन एचसीए के अध्यक्ष थे. उस साल 25 नवंबर को एपेक्स काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता 62 वर्षीय अजहरुद्दीन ने की थी. तब यह निर्णय लिया गया कि नॉर्थ स्टैंड का नाम ‘अजहरुद्दीन स्टैंड’ रखा जाएगा. जिसे पहले वी.वी.एस. लक्ष्मण पवेलियन कहा जाता था. इस साल 28 फरवरी को हैदराबाद के लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब (LCC) की ओर से एक शिकायत दर्ज की गई. उन्होंने शिकायत में यह दावा किया कि यह फैसला नियम 38 का उल्लंघन है. जिसके तहत काउंसिल का कोई भी सदस्य अपने पक्ष में कोई फैसला नहीं ले सकता. ऐसे में यह साफ तौर पर हितों का टकराव (Conflict of Interest) है.
[ad_2]
Source link