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आशा पेरख ने राजेश खन्ना, धर्मेंद्र के साथ कई फिल्मों में काम किया है. खासतौर पर राजेश खन्ना के साथ तो उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा देती थीं. बॉलीवुड को कई हिट फिल्में दे चुकीं ‘जुबली गर्ल’ आशा पारेख को …और पढ़ें

हर रोल में डाल देती थीं जान
हाइलाइट्स
- आशा पारेख ने ताउम्र कुंवारी रहने का फैसला किया.
- आशा पारेख ने शादीशुदा शख्स से प्यार किया था.
- आशा पारेख ने 95 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
नई दिल्ली. 60-70 के दशक में लोग आशा पारेख की एक झलक पाने के लिए बेताब रहते थे. उस दौर में आशा पारेख को सिर्फ उनकी फिल्मों के लिए ही नहीं बल्कि उनकी फीस के लिए भी जाना जाता था. अपने दौर में वह सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेसेस में से एक थीं. लेकिन एक वजह के चलते वह ताउम्र कुंवारी रही थीं.
60-70 के दशक में हिंदी सिनेमा में आशा पारेख का दबदबा रहा था. उनका फिल्मी करिअर जितना सफल रहा, उतना ही दुखद उनका असली जीवन रहा. आशा पारेख ने जिस शख्स से प्यार किया, वह पहले से शादीशुदा थे. लेकिन किसी का घर तोड़ने की उनके कभी मंशा नहीं थी. आशा ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी.
नहीं बनना चाहती थीं दूसरी औरत
जानी मानी एक्ट्रेस आशा पारेख अपने समय की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में से भी एक रही हैं. उस दौर की दिग्गज अदाकारा होने के बाद भी आशा ने ताउम्र कुंवारी रहने का फैसला किया. इस बात का खुलासा खुद आशा ने 2019 में Verve मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में किया था. आशा ने बताया था कि अकेले रहने का फैसले से वह आज भी खुश हैं, क्योंकि एक ऐसे आदमी से प्यार हो गया था. लेकिन वो किसी का घर तोड़ना नहीं चाहती थी. और न ही वह दूसरी औरत बनना चाहती थीं. इसी के चलते उन्होंने अकेले ही रहना जरूरी समझा था.
बुक में भी किया था इस बात का जिक्र
अपनी ऑटोबायोग्राफी आशा पारेख: द हिट गर्ल में एक्ट्रेस की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से हैं. सालों पहले किताब के लॉन्चिंग इवेंट में आशा पारेख ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि शादियां ऊपर से तय होती हैं और शायद इस मामले में भगवान मेरी जोड़ी बनाना ही भूल गए. मेरी शादी का संयोग ही नहीं था, इसलिए मेरी शादी नहीं हुई और मैं किसी का ‘घर तोड़ने वाली’ नहीं बनना चाहती थी.
बता दें कि आशा पारेख ने अपने करियर धर्मेंद्र के साथ आन मिलो सजना और राजेश खन्ना के साथ कटी पतंग जैसी कई फिल्में की हैं. अपने करियर में तकरीबन 95 से ज्यादा फिल्मों में काम किया हैं। जिसमें ‘जब प्यार किसी से होता है’ (1961), ‘फिर वही दिल लाया हूं’ (1963), ‘मेरे सनम’ (1965), ‘तीसरी मंजिल’ (1966), ‘बहारों के सपने’ (1967), ‘शिकार’ (1968), ‘प्यार का मौसम’ (1969), ‘कटी पतंग’ (1970) और ‘कारवां’ (1971) जैसी शानदार फिल्मों के नाम शामिल हैं.
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