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Rakesh Roshan Films: सुनैना रोशन ने फिल्ममेकर पिता राकेश रोशन के मुश्किल वक्त को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि राकेश रोशन ने अपनी पहली डायरेक्टोरियल फिल्म ‘खुदगर्ज’ के लिए सबकुछ दांव पर लगा दिया था. ऐसा ही कुछ…और पढ़ें

साल 1987 में रिलीज हुई थी शत्रुघ्न सिन्हा और जितेंद्र की फिल्म.
हाइलाइट्स
- राकेश रोशन ने ‘खुदगर्ज’ के लिए संपत्तियां गिरवी रखीं.
- ‘कहो ना प्यार है’ के लिए भी राकेश ने सब कुछ दांव पर लगाया.
- ‘खुदगर्ज’ और ‘कहो ना प्यार है’ दोनों फिल्में हिट रहीं.
नई दिल्ली. राकेश रोशन पैशनेट फिल्ममेकर हैं. कुछ समय पहले उन्होंने बताया था कि अपनी पहली निर्देशित फिल्म ‘खुदगर्ज’ के लिए उन्होंने अपनी कई संपत्तियों को गिरवी रख दिया था. उस समय राकेश पहले से ही एक एक्टर और प्रोड्यूसर थे, लेकिन उन्हें वो सफलता नहीं मिली, जिसका उन्होंने कभी सपना देखा था. इस वजह से राकेश रोशन ने डायरेक्शन में किस्मत आजमाने का फैसला किया. हाल ही में राकेश की बेटी सुनैना ने बताया कि पिता ने ‘खुदगर्ज’ के लिए बहुत सारी संपत्तियों को गिरवी रख दिया था, इसलिए परिवार के सब कुछ खोने का बड़ा खतरा था.
पिंकविला के साथ इंटरव्यू के दौरान सुनैना रोशन ने बताया, ‘जब हमारा परिवार ‘खुदगर्ज’ के प्रीमियर पर जा रहा था, तो मां ने पिता से पूछा कि अगर फिल्म फ्लॉप हो गई तो क्या होगा. इस पर पिता ने कहा कि मैं सड़क पर आ जाऊंगा. तो मैं और मेरे भाई ने एक-दूसरे की तरफ देखा और हम सोचने लगे हमें तब भी समझ नहीं आया कि इसका मतलब क्या है, लेकिन हम सोच रहे थे कि हम सड़क पर आ जाएंगे.’
बेटे के लिए सबकुछ दांव पर लगाया
सुनैना ने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और सबकुछ ठीक रहा. लेकिन कुछ सालों के बाद पिता राकेश रोशन फिर से सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार थे, जब ऋतिक रोशन की पहली फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ आई थी. उन्होंने कहा, ‘कहो ना प्यार है के लिए उन्होंने सब कुछ गिरवी रख दिया, वह जोखिम लेने वाले इंसान हैं, इसलिए उन्होंने सब कुछ गिरवी रख दिया और सौभाग्य से यह फिल्म सफल रही.’ सुनैना ने बताया कि जब ‘खुदगर्ज’ आई थी, तब वह टीनएजर थीं और उन्हें बिजनेस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन ‘कहो ना प्यार है’ के दौरान उन्हें पता चला कि उस वक्त राकेश की सभी संपत्तियां दांव पर थीं.
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