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Lucknow Latest News: ‘मैं IAS अफसर हूं…’, जब एक शख्स ने पुलिस को अपना आईडी कार्ड दिखाया तो मौजूद अफसर भी सन्न रह गए. आइए जानते हैं पूरा मामला.

पुलिस ने बुधवार को उस ठग को बेनकाब किया, जो लंबे समय से खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी बताकर रौब झाड़ रहा था. वजीरगंज थाना क्षेत्र के शहीद स्मारक के पास चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस ने उसकी गाड़ी रोकी. पूछताछ में उसने खुद को आईएएस अफसर बताया और विजिटिंग कार्ड थमा दिया. मगर शक गहराने पर तलाशी हुई, तो कार से लाल-नीली बत्तियां मिलीं. सख्ती से पूछताछ में जब पर्दा उठा, तो उसकी सच्चाई सबके सामने आ गई.
गिरफ्तार युवक की पहचान मऊ जिले के सराय लखंसी निवासी सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई है. वह फिलहाल लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार स्थित शालीमार वन वर्ल्ड सोसाइटी में रह रहा था. पुलिस के मुताबिक, सौरभ न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि कई अन्य राज्यों में भी सरकारी कार्यक्रमों में बतौर सचिव या विशेष सचिव बनकर शामिल हो चुका है.
उसकी ठगी का तरीका बेहद चालाकी भरा था. बड़े अधिकारियों और नेताओं के बीच पहुंचकर फोटो खिंचवाना, उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करना और खुद को आईएएस बताना, यही उसकी असली पहचान बन गई थी. लोग उसकी इस नकली चमक-दमक में फंस जाते और वह उनसे धन और सुविधाएं ऐंठ लेता.
जांच में यह खुलासा भी हुआ कि सौरभ ने सोशल मीडिया पर कई नकली प्रोफाइल बनाए थे. कहीं वह खुद को कैबिनेट स्पेशल सेक्रेटरी लिखता, तो कहीं अर्बन-रूरल डेवलपमेंट का सचिव. इस बहाने वह न सिर्फ अपनी छवि चमकाता बल्कि नए लोगों को झांसे में लेकर नेटवर्क बढ़ाता गया. सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान गढ़कर उसने कई बार सरकारी कार्यक्रमों में प्रवेश पाया और खुद को ऊंचे पदों पर बैठा दिखाने की कोशिश की.
लग्जरी गाड़ियों से चलता था रौब
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपी की छह लग्जरी गाड़ियां जब्त की हैं, जिनमें डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी महंगी कारें शामिल हैं. इन गाड़ियों पर लगे सरकारी पास भी फर्जी निकले. इन कारों और बत्तियों के सहारे वह आम जनता ही नहीं, छोटे-बड़े अधिकारियों को भी भ्रमित करता रहा. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि उसने कई जिलों और राज्यों में फर्जी पहचान के दम पर सरकारी सुविधाएं हासिल कीं और लोगों से ठगी की.
पुलिस कर रही गहन जांच
पुलिस अब सौरभ त्रिपाठी के इस नेटवर्क की बारीकी से जांच कर रही है। संदेह है कि इस खेल में उसके साथ और भी लोग शामिल हो सकते हैं. उसकी ठगी का दायरा कितना बड़ा है, यह पता लगाने के लिए संबंधित जिलों और राज्यों को भी सूचना भेजी गई है.
न्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.
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