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हरिशंकरपुर गांव की रहने वाली शालिनी जायसवाल ने जो पढ़ाई के साथ मार्शल आर्ट और योगा खेल में एक नई पहचान बना रही हैं.
शालिनी जायसवाल
चंदौली: महिला होना एक परिवर्तनकारी काम है, जो घर के दहलीज से बाहर निकलकर समाज को आईना दिखाने के साथ समाज में परिवर्तन लाने का काम करती है. यह सच साबित कर दिखाया है हरिशंकरपुर गांव की रहने वाली शालिनी जायसवाल ने जो पढ़ाई के साथ मार्शल आर्ट और योगा खेल में एक नई पहचान बना रही हैं. महिला होने के साथ खेल की बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए काफी प्रयासरत हैं जिसमें उनके माता-पिता एवं परिजनों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है.
कई खेलों में मिला सम्मान
वहीं, लोकल 18 से बातचीत कर अपनी कहानी साझा करते हुए शालिनी ने बताया कि बॉक्सिंग तो मेरा करियर है. इसके अलावा मार्शल आर्ट एवं योगा में भी बेहतर प्रदर्शन कर कई मेडल को हासिल किया है. जिसके लिए राज्य स्तरीय एवं अन्य खेलों में भी पहुंचकर इसने सम्मान को प्राप्त किया है, जो काफी गर्व की बात है. इसके अलावा भी कई अन्य खेलों में रुचि है.
मार्शल आर्ट लगता है सबसे अच्छा
शालिनी ने सबसे दिलचस्प बात बताया कि मार्शल आर्ट उन्हें सबसे अच्छा लगता है. अपने शुरुआती दिनों के बारे में बताती है कि घर से पढ़ाई के लिए सिर्फ मौका मिला था, लेकिन 2022 में मैरी कॉम फिल्म देखा था. जिसमें बॉक्सिंग खेलते हुए खिलाड़ी को उस खेल के प्रति जिज्ञासा जगी एवं तभी से इस खेल के प्रति काफी झुकाव हुआ. हालांकि, खेल के लिए कोई भी व्यक्ति लड़कियों को बाहर नहीं भेजना चाहता है. फिर भी माता-पिता ने इसे समझा और मुझे खेल के लिए प्रेरित किया. नंदजी के ट्रेनिंग में बेहतर सीखने का मौका मिल रहा है.
कई खेलों के लिए मिल चुका है मेडल
आगे बताया कि लखनऊ में आयोजित नेशनल स्तर पर मार्शल आर्ट में भी योगा एवं कई खेलों के लिए मेडल मिल चुका है. आगे भी प्रयास है कि अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर अपने देश के लिए प्रदर्शन करूं. अन्य खिलाड़ियों के लिए संदेश देते हुए कहा कि बॉक्सिंग में कुछ ऐसे टिप्स है. जिस पर ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे तो खेल हर व्यक्ति के जीवन का अंग है. उसको अपने जीवन में अपनों के साथ एक प्रतियोगिता की तरह भरपूर प्रयास करने की जरूरत है.
Chandauli,Chandauli,Uttar Pradesh
January 16, 2025, 11:56 IST
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