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Kamal Haasan News: कमल हासन के लैंग्‍वेज विवाद में उलझने के बाद उनकी आने वलाी नई फिल्‍म (Thug Life) का कार्नाटक में भविष्‍य काफी अनिश्चित है. यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है. सुनवाई के दौरान जज ने ऐसी टिप्‍प…और पढ़ें

‘यह कमल हासन का ईगो है’, जज ने क्‍यों कही यह बात, लोगों ने इस तरह किया रिएक्‍ट

कमल हासन के बयान के बाद नया विवाद छिड़ गया है.

नई दिल्‍ली. साउथ फिल्‍मों के दिग्‍गज अभिनेता आजकल नए विवादों में घिरे हुए हैं. कन्‍नड़ और तमिल भाषा विवाद में उलझे एक्‍टर हासन की नई फिल्‍म Thug Life के भविष्‍य पर प्रश्‍नचिह्न लग गया है. विवाद के चलते उनकी फिल्‍म की स्‍क्रीनिंग कर्नाटक में फिलहाल रोक दी गई है. यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है. इसके बावजूद कमल हासन ने इस मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया है. उन्‍होंने कहा कि माफी किसी गलती के लिए मांगी जाती है, गलतफहमी के लिए नहीं. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस रवैये के लिए कमल हासन की तीखी आलोचना की और कहा कि यह व्‍यवहार एक्‍टर का ईगो दिखाता है. हाईकोर्ट जज की इस टिप्‍पणी पर सोशल मीडिया में लोगों ने रिएक्‍शन दिया है.

दरअसल, अभिनेता और फिल्म निर्माता कमल हासन की फिल्म 5 जून को विश्व स्तर पर रिलीज होने जा रही है, लेकिन यह कर्नाटक में रिलीज नहीं होगी. इसका कारण है अभिनेता का अपने विवादित बयान ‘कन्नड़ तमिल से निकली हुई भाषा है’ पर माफी न मांगना. इस बयान को लेकर राज्य में विरोध हो रहा है और कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा मौखिक रूप से माफी की सलाह दिए जाने के बावजूद हासन अपने रुख पर कायम हैं. फिल्म के निर्माता राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल (RKFI) की ओर से पेश सीनियर वकील ध्यान चिन्नप्पा ने हाईकोर्ट में कहा कि कमल हासन का बयान दुर्भावनापूर्ण नहीं था, इसलिए माफी की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अभिनेता पहले ही कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) को अपना स्पष्टीकरण भेज चुके हैं, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य कन्नड़ भाषा या उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं था.

नाराज हुए हाईकोर्ट के जज

हालांकि, जब जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने पूछा कि अगर माफी नहीं मांगनी थी, तो कम से कम KFCC को लिखे पत्र में क्षमा याचना की एक पंक्ति जोड़ने में क्या हर्ज था. इस पर चिन्नप्पा ने कहा कि माफी वहां जरूरी होती है, जहां दुर्भावना हो, जबकि यहां ऐसा कुछ नहीं है. कोर्ट ने इसपर तीखी टिप्पणी करते हुए पूछा, ‘आप (कमल) क्या भाषा के जानकार हैं या इतिहासकार?’ कोर्ट ने कहा कि अभिनेता का रुख उनके अहंकार (ईगो) को दर्शाता है. हालांकि, वकील ने कहा कि यह अहंकार नहीं, बल्कि स्पष्टता है. RKFI ने कोर्ट से फिल्म की रिलीज के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा, ‘आपने जो स्थिति पैदा की है, उसके बाद अब आप व्यावसायिक हित में पुलिस सुरक्षा चाहते हैं, जबकि आपने कोई क्षमायाचना नहीं की. आपने ₹300 करोड़ निवेश किए हैं, लेकिन अगर माफी नहीं मांगनी तो कर्नाटक में फिल्म रिलीज क्यों करना चाहते हैं?’



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